"नमाज़": अवतरणों में अंतर
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[[File:Muslims praying in a Masque in Bangladesh.jpg|thumb|200px|मस्जिद में नमाज़ ऐडा करते हुए मुस्लिम, [[बांग्लादेश]]. ]]
{{इस्लाम}}
'''नमाज़''' ([[उर्दू भाषा|उर्दू]]: نماز) या '''सलाह''' ([[अरबी भाषा|अरबी]]: صلوة), नमाज़ फ़ारसी शब्द है, जो उर्दू में अरबी शब्द सलात का पर्याय है। [[क़ुरआन|कुरान शरीफ]] में सलात शब्द बार-बार आया है और प्रत्येक मुसलमान स्त्री और पुरुष को नमाज पढ़ने का आदेश ताकीद के साथ दिया गया है। इस्लाम के आरंभकाल से ही नमाज की प्रथा और उसे पढ़ने का आदेश है। यह मुसलमानों का बहुत बड़ा
'''इस्लाम धर्म''' में हर मुस्लमान पर पांच इब्दात फ़र्ज़ हैं जिन्हे पूरा करना हर मुस्लमान पर जरुरी हैं यानि फ़र्ज़ हैं। इन्ही पांच फ़र्ज़ में से एक फ़र्ज़ नमाज़ हैं नमाज़ दिन में पांच वक़्त पढ़ी जाती हैं हर नमाज़ का वक़्त अलग अलग होता हैं मर्द मुसलमानो को नमाज़ मस्जिद में पढ़ना जरुरी होता हैं और औरतो को घर में ही नमाज़ पढ़ना जरुरी हैं औरत मस्जिद में नमाज़ पढ़ सकती और मर्द को घर में फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ना जरुरी नहीं होता हैं अगर कोई कारन से मर्द मस्जिद ना जा सके तो मर्द घर में ही नमाज़ पढ़ सकता हैं ये इस्लाम में शर्त हैं
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