"भवभूति": अवतरणों में अंतर

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[[शंकरविजयम्|शंकरदिग्विजय]] से ज्ञात होता है कि उम्बेक, मंडन सुरेश्वर, एक ही व्यक्ति के नाम थे। भवभूति का एक नाम 'उम्बेक' प्राप्त होता है अत: नाटककार भवभूति, मीमांसक उम्बेक और अद्वैतमत में दीक्षित सुरेश्वराचार्य एक ही हैं, ऐसा कुछ विद्वानों का मत है।
 
[[राजतरंगिणी]] के उल्लेख से इनका समय एक प्रकार से निश्चित सा है। ये [[कन्नौज|कान्यकुब्ज]] के नरेश [[यशोवर्मन]] के सभापंडित थे, जिन्हें [[ललितादित्य मुक्तपीड|ललितादित्य]] ने पराजित किया था। 'गउडवहो' के निर्माता [[वाक्यपतिराज]] भी उसी दरबार में थे अत: इनका समय आठवीं शताब्दी का पूर्वार्ध सिद्ध होता है।
 
== परिचय ==