"बृहज्जातकम्": अवतरणों में अंतर

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'''बृहज्जातकमबृहज्जातकम्''' या 'वृहत जातक' [[वराह मिहिर|वराहमिहिर]] द्वारा रचित पाँच प्रमुख ग्रन्थों में से एक है। उनके द्वारा रचित अन्य ४ ग्रन्थ ये हैं- [[पंचसिद्धांतिका|पंचसिद्धान्तिका]], [[बृहत संहिताबृहत्संहिता]], [[लघुजातक]], और [[योगयात्रा]]। इसके साथ ही यह ग्रन्थ [[भारतीय ज्योतिष|हिन्दू ज्योतिष]] के ५ प्रमुख ग्रन्थों में से एक है, अन्य चार ग्रन्थ ये हैं- कल्याणवर्मा कृत सारावली, वेंकटेश कृत सर्वार्थ चिन्तामणि, वैद्यनाथ कृत जातक पारिजात, मन्त्रेश्वर कृत फलदीपिका।
 
==संरचना==
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| १० || कर्मजीव ||
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|| ११ || राजयोग || किस ग्रहदशा में राजत्व की प्राप्ति हो सकती है ; कब पतन होगा आदि।
|| ११ || राजयोग ||
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| १२ || नभास योग || वे योग जो मानव जीवन पर सतत प्रभाव डालते हैं।
| १२ || ||
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| १३ || चन्द्र योगध्याय || अन्य ग्रहों के साथ चन्द्रमा की स्थिति का प्रभाव
| १३ || ||
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| १४ || द्विग्रह योगाध्याय ||
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| १५ || प्रव्रज्या योग या संन्यास योग ||
| १५ || ||
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| १६ || रिक्षशिलाध्याय || विभिन्न नक्षत्रों में जन्म होने का परिणाम
| १६ || ||
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| १७ || राशिशिलाध्याय || चन्द्रमा का विभिन्न राशियों पर प्रभाव
| १७ || ||
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| १८ || राशिशिलाध्याय ||
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| १९ || दृष्टि फलाध्याय ||
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| २० || भावाध्याय ||
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| २१ || अर्ष योगाध्याय ||
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| २२ || प्रकीर्णाध्याय ||
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| २३ || अनिष्टाध्याय ||
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| २४ || स्त्री जातकाध्याय ||
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| २५ || निर्यानाध्याय ||
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| २७२६ || नष्टजातक ||
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| २७ || द्रेक्कनाध्याय
| २८ || ||
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| २८ || उपसंहाराध्याय ||
|}