"प्यार": अवतरणों में अंतर

PYAAR
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जब कोई इंसान किसी दूसरे इंसान को देख कर अत्यधिक प्रभावित हो जाये, उसके अक्श से आकर्षित हो जाये, उससे मिल कर सर्वाधिक प्रसन्न हो जाये, उसके वचन पर मंत्रमुग्ध हो जाये, उसकी क्रिया पर फ़िदा हो जाये, उसके दृष्टि पर विलीन हो जाये, उसके मिलन पर विचलित हो जाये, उससे विरह पर सुस्त हो जाये, उससे विच्छेद पर न्यौछावर हो जाये, उसके साथ विचरण पर कटिबद्ध हो जाये, जो जीवन पर आधारित हो जाये वो प्यार है। उसकी खुशी में संतोष प्राप्त करने लगे, उसके दुःख में सबसे ज्यादा चिंतित हो जाये, उसकी इक्षा में खुद को जला कर भस्म कर दे वो प्यार है।
 
{{टिप्पणीसूची}}
{{टिप्पणीसूची}}Sirf pyaar ko paana hi pyaar nahi hai. Door rahkar bhi usska dhyan rakhna usski aawaz suune ka prayaas karna ussko dekhne ke liye bas hazaaron mile ka safar karke jaana. Kuch kuch cheezon mein usske saamne buddhu banna taaki usse khushi miley. Usska
 
[[श्रेणी:मानव व्यवहार]]
[[श्रेणी:प्रेम]]
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