"राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा- 2005": अवतरणों में अंतर

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NCF 2005 भारत में स्कूलों के लिए पाठ्यक्रम,  पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण प्रथाओं के लिए एक दिशानिर्देश के रूप में कार्य करता है। NCF 2005  ने शिक्षा पर पिछली सरकार की रिपोर्टों, जैसे '''लर्निंग विदाउट बर्डन  और नेशनल पॉलिसी ऑफ़ एजुकेशन 1986-1992,'''  और फ़ोकस ग्रुप डिस्कशन पर अपनी नीतियों को आधारित किया है ।  कई विचार-विमर्श के बाद NCF 2005 के लिए इनपुट प्रदान करने के लिए २१ नेशनल फोकस ग्रुप पोजिशन पेपर्स प्रकाशित किए गए हैं। NCF 2005 और इसके ऑफशूट पाठ्यपुस्तकों ने प्रेस में विभिन्न रूपों की समीक्षा की है।
 
इसके मसौदा दस्तावेज की केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE) ने आलोचना की थी।  2008  फरवरी 2000२००  में, एनसीईआरटी के निदेशक कृष्ण कुमार ने भी एक साक्षात्कार में दस्तावेज़ के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की।  Of  NCF 2005 के विषयों में भारत के सभी शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। उदाहरण के लिए, इसकी कई सिफारिशें ग्रामीण स्कूलों पर केंद्रित हैं। इसके आधार पर पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का उपयोग सभी सीबीएसई स्कूलों और कई राज्य स्कूलों द्वारा किया जा रहा है ।
 
NCF 2005 को 22 भाषाओं में अनुवादित किया गया है और 17 राज्यों में पाठ्यक्रम को प्रभावित किया है। एनसीईआरटी ने सभी राज्यों को अपनी स्थानीय भाषा में एनसीएफ को बढ़ावा देने के लिए, 10,00,000 का अनुदान प्रदान किया और इसके वर्तमान पाठ्यक्रम की तुलना प्रस्तावित सिलेबस से की, ताकि भविष्य में सुधार की योजना बनाई जा सके। इस अभ्यास को शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण (एससीईआरटी) और जिला शिक्षा संस्थानों और प्रशिक्षण (डाइट) के लिए राज्य परिषदों के सहयोग से निष्पादित किया जा रहा है।
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* जेपी नायक ने भारतीय शिक्षा के लिए समानता, गुणवत्ता और मात्रा को मायावी त्रिकोण के रूप में वर्णित किया है।
* सामाजिक संदर्भ के संबंध में NCF 2005 ने सुनिश्चित किया है कि जाति , पंथ , धर्म और लिंग के बावजूद सभी को एक मानक पाठ्यक्रम प्रदान किया जाता है।
* इस में 4 भाषा का महत्व है
*
 
=== सीखना और ज्ञान ===
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Ncf 2005 के अनुसार बच्चो के आंकलन का दैनिक गतिविधियों का तरीका सही है
 
Ncf 2005 के अनुसार प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा में होना चाहिए
 
 
राकेश विश्नोई