"प्यार": अवतरणों में अंतर

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[[File:Romeo and Juliet (watercolour) by Ford Maddox Brown.jpg|thumb|प्रेम में मगन रोमियो जूलियट का चित्र]]
'''प्यार''' या '''प्रेम''' एक एहसास है। जो [[मस्तिष्क|दिमाग]] से नहीं [[हृदय|दिल]] से होता है
प्यार अनेक भावनाओं जिनमें अलग अलग विचारो का समावेश होता है। प्रेम [[स्नेह]] से लेकर खुशी की ओर धीरे धीरे अग्रसर करता है। ये एक मज़बूत [[आकर्षण]] और निजी जुड़ाव की भावना जो सब भूलकर उसके साथ जाने को प्रेरित करती है। ये किसी की [[दया]], भावना और [[स्नेह]] प्रस्तुत करने का तरीका भी माना जा सकता है। जिसके उदाहरण के लिए [[माता]] और [[पिता]] होते है खुद के प्रति, या किसी जानवर के प्रति, या किसी इन्सान के प्रति स्नेहपूर्वक [[कार्य (भौतिकी)|कार्य]] करने या जताने को [[प्यार झुकता नहीं|प्यार]] कहा जाता हैं। सच्चा प्यार वह होता है जो सभी हालातो में आप के साथ हो [[दु:ख|दुख]] में साथ दे आप का और आप की खुशियों को अपनी खुशियां माने कहते हैं कि अगर प्यार होता है तो हमारी ज़िन्दगी बदल जाती है पर जिन्दगी बदलती है या नही, यह इंसान के उपर निर्भर करता है प्यार इंसान को जरूर बदल देता है प्यार का मतलब सिर्फ यह नहीं कि हम हमेशा उसके साथ रहे, प्यार तो एक-दूसरे से [[दूर]] रहने पर भी खत्म नहीं होना चाहिए। जिसमे दूर कितने भी हो अहसास हमेशा पास का होना चाहिए। किसी से सच्चा प्यार करने वाले बहुत कम लोग हैं। लेकिन उदाहरण हैं लैला और मजनू। इनके प्यार की कोई सीमा नहीं है। यह प्यार में कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे प्यार को लोग जनम जनमो तक याद रखेंगे।
 
"प्यार" शब्द ऐसा [[शब्द]] है जिसका [[नाम]] सुनकर ही हमें अच्छा महसूस होने लगता है,प्यार [[शब्द]] में वो एहसास है जिसे हम कभी नहीं खोना चाहते।इस शब्द में ऐसी पॉजिटिव [[एनर्जी]] है जो हमें मानसिक और आंतरिक [[प्रसन्नता|खुशी]] प्रदान करती है। कभी कभी [[कष्ट]] देय भी होती है
 
[[प्राचीन]] ग्रीकों ने चार तरह के प्यार को पहचाना है: रिश्तेदारी, दोस्ती, रोमानी [[इच्छा]] और [[दिव्य]] प्रेम। प्यार <ref>{{Cite web|url=https://www.irfani-islam.in/2022/07/Love-Kya-Hai.html|title=Love Kya Hai - What Is Love - रियल/पवित्र लव क्या होता है Hindi|last=Sheikh|first=Irfan|website=Irfani - Info For All|access-date=2022-07-22}}</ref>को अक्सर [[वासना]] के साथ तुलना की जाती है और पारस्परिक संबध के तौर पर रोमानी अधिस्वर के साथ तोला जाता है, प्यार दोस्ती यानी पक्की दोस्ती से भी तोला जाता हैं। आम तौर पर प्यार एक एहसास है जो एक [[इन्सान]] दूसरे इन्सान के प्रति महसूस करता है।
 
प्रेम एक रसायन है क्योंकि यह [[यंत्र]] नहीं विलयन है,द्रष्टा और दृष्टि का। [[सौन्दर्य]] के दृश्य तभी द्रष्टा की दृष्टि में विलयित हो पाते हैं,और यही अवस्था प्रेम की अवस्था होती है। प्रेम और सौन्दर्य दोनो की उत्पत्ति और उद्दीपन की प्रक्रिया अन्तर से प्रारम्भ होती है। सौन्दर्य [[होमो सेपियन्स|मनुष्य]] के व्यक्तित्व को प्रभावित करता है, और प्रेम उस सौन्दर्य में समाया रहता है। प्रेम में आसक्ति होती है। यदि आसक्ति न हो तो [[प्रेम रोग|प्रेम]] प्रेम न रहकर केवल भक्ति हो जाती है। प्रेम मोह और भक्ति के बीच की अवस्था है।
 
[[महिला|स्त्री]] व [[पुरुष]] के मध्य प्रेम होने के सात चरण होते है व प्रेम सामाप्त होने के सात चरण होते है । प्रेम होने के सात चरण पहला आकर्षण दूसरा ख्याल तीसरा मिलने की चाह [[चौथा खंभा|चौथा]] साथ रहने की चाह पांचवा मिलने व बात करने के लिए कोशिश करना छठवां मिलकर इजहार करना सातवा साथ जीवन जीने के लिए प्रयत्न करना व अंत में जीवनसाथी बन जाना । प्रेम समाप्त होने के सात चरण पहला एक दूसरे के विचार व कार्यो को पसंद ना करना दूसरा झगड़े तीसरा नफ़रत करना चौथा एक दूसरे से दूरी बनना पंचवा [[संबंध]] खत्म करने के लिए विचार करना छठवां अलग होने के लिए प्रयत्न करना सातवाँ अलग हो जाना ।
 
प्रेमी व प्रेमिका या के प्रेम करने व अलग होने की मनोस्थित एक समान है ।
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मनोविज्ञान में संज्ञानात्मक और समाजिक घटना को दर्शाया जाता है। मनोविज्ञानी रोबेर्ट स्टर्न्बर्ग ने प्यार के त्रिभुजाकार सिद्धांत को सूत्रबद्ध किया हैं। उन्होंने तर्क किया के प्यार के तीन भिन्न प्रकार के घटक हैं: आत्मीयता, प्रतिबद्धता और जोश। आत्मीयता वो तत्व है जिसमें दो मनुष्य अपने आत्मविश्वास और अपने ज़िन्दगी के व्यक्तिगत विवरण को बाँटते हैं। ये ज़्यादातर दोस्ती और रोमानी कार्य में देखने को मिलता है।
 
प्रतिबद्धता एक उम्मीद है कि ये रिश्ता हमेशा के लिये कायम रहेगा। आखिर में यौन आकर्षण और जोश है। आवेशपूर्ण प्यार, रोमानी प्यार और आसक्ति में दिखाया गया है। प्यार के सारे प्रपत्र इन घटकों का संयोजन होता हैं। पसन्द करने में आत्मीयता शामिल् होती हैं। मुग्ध प्यार में सिर्फ जोश शामिल होता हैं। खालि प्यार में सिर्फ प्रतिबद्धता शामिल हैं। रोमानी प्यार में दोनो आत्मीयता और जोश शामिल होता हैं। साथी के प्यार में आत्मीयता और प्रतिबद्धता शामिल होता हैं। बुद्धिहीन प्यार में प्रतिबद्धता और जोश शामिल हैं। आखिर् में, घाघ [[प्यार]] में तीनों शामिल होते हैं।
 
* विकासवादी आधार
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डॉक्टर शुभम पाल के अनुसार "प्यार जीवन का आधार है। जवानी का मूल कारण प्यार है। यह एक एहसासों का बंधन है जो दो प्रेमियों के बीच दांपत्य जीवन को प्रगाड करने में सहायक सिद्ध होता है।"
 
प्यार को अलग-अलग तरह से परिभाषित किया जा सकता है परन्तु समझने वालों के लिए प्यार के मायने अलग-अलग होते हैं। कोई हवस को प्यार समझता है तो कोई त्याग को प्यार समझता है किसी की नजर में प्यार जिम्मेदारी है तो किसी की नजर में प्यार चिंता प्यार है कहने का मतलब है आज लोग स्वार्थ के नजरिए से ही प्यार को परिभाषित करते हैं किसी लिए कुछ किया तो वो प्यार है नही किया तो प्यार नही है। मेरी नजर में प्यार बलिदान का नाम है जो किसी भी [[क्षेत्री|क्षेत्र]] में या किसी भी व्यक्ति के लिए हो सकता है,मेरी नजरें किसी को नुकसान ना पहुंचाना भी प्यार है,किसी अपराधी का साथ ना देकर उस व्यक्ति के लिए हमारा प्यार ही जिसे हमने किसी अपराधी से बचा लिया। कुल मिलाकर सकारात्मक नजरिए से जीना और किसी को नुकसान ना पहुंचाना प्यार है।
 
=== दार्शनिक दृष्टिकोण ===
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== सन्दर्भ ==
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
[[श्रेणी:मानव व्यवहार]]
[[श्रेणी:प्रेम]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/प्यार" से प्राप्त