"सिविल विधि की विधिक प्रणाली": अवतरणों में अंतर

छोNo edit summary
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
<big>
'''सिविल विधि की विधिक प्रणाली'''{Civilcivil law (legal system)} विश्व के अधिकांश भागों में प्रचलित ऐसी विधिक प्रणाली है जिसका प्रादुर्भाव यूरोप की मुख्य भूमि में हुआ। यह विधिक प्रणाली रोमन विधि-तन्त्र के भीतर विकसित हुई और उसके मूल सिद्धांतों को समाहित करते हुए इसे संहिताबद्ध किया गया। सिविल विधि की विधिक प्रणाली को [[लोक-विधि|लोक विधि]](Common law) की विधिक प्रणाली से अलग माना जाता है, जिसका विकास इंग्लैंड में न्यायाधीशों द्वारा निर्मित असंहिताबद्ध विधि से  हुआ है।
 
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से, सिविल [[विधि| विधि]] की विधिक प्रणाली उन विधिक विचारों और प्रणालियों का समूह है जिनकी व्युत्पत्ति मूलतः कॉर्पस ज्यूरिस सिविलिस(Corpus Juris Civilis; सिविल विधि का संकलन, जो बाइज़ेंटाइन सम्राट जस्टिनियन प्रथम के आदेश से 529 से 534 तक जारी किया गया था) से हुई थी परन्तु इस पर नेपोलियन कोड, जर्मनी की विधि, कैनॉनिकल विधि(चर्च विधि), सामंती और स्थानीय प्रथाओं के साथ-साथ प्राकृतिक विधि जैसे सिद्धान्तों का भी प्रभाव रहा है। अवधारणात्मक रूप से सिविल विधि की विधिक प्रणाली में विधि के अमूर्त रूप से आगे बढ़ते हुए विधि के सामान्य सिद्धांतों की रचना की गई है और इसमें सारवान नियमों(substantive rules) को प्रक्रियात्मक नियमों( procedural rules) से पृथक कर दिया गया है। इस प्रणाली में सांविधिक कानून(statutory law) को न्यायाधीशों के निर्णयों द्वारा निर्मित विधि पर  प्राथमिकता दी जाती है।