"नेहरा": अवतरणों में अंतर
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'''नेहरा''' [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] में [[जाट|जाटों]] का एक गोत्र है. ये [[राजस्थान]], [[दिल्ली]], [[हरयाणा]], [[पंजाब]], [[उत्तर प्रदेश]] और [[पाकिस्तान]] में पाए जाते है. नेहरा की उत्पत्ति [[वैवस्वत]] [[मनु]] के पुत्र [[नरिष्यंत]] (नरहरी) से मानी जाती है. पहले ये पाकिस्तान के [[सिंध]] प्रान्त में नेहरा पर्वत पर निवास करते थे. वहां से चल कर राजस्थान के [[जांगलदेश]] भू-भाग में बसे और झुंझुनू में नेहरा पहाड़ पर आकर निवास करने लगे.
== नेहरा जाटों का इतिहास ==
राजस्थान में नेहरा जाटों का तकरीबन २०० वर्ग मील भूमि पर किसी समय शासन रहा था. उनके ही नाम पर [[झुंझुनू]] के निकट पर्वत आज भी '''नेहरा पहाड़''' कहलाता है. दूसरा पहाड़ जो [[मौरा]] (मौड़ा) है, [[मौर्य]] लोगों के नाम से मशहूर है.नेहरा लोगों में सरदार झुन्झा अथवा [[
पंद्रहवीं सदी में नेहरा लोगों का [[नरहड़]] में शासन था. वहां पर उनका एक किला भी था. उससे १६ मील पश्चिम में नेहरा पहाड़ के नीचे [[नाहरपुर]] में उनके दूसरे दल का राज्य था. सोलहवीं सदी के अंतिम भाग में और सत्रहवीं सदी के प्रारंभ में नेहरा लोगों का मुसलमान शासकों से युद्ध हुआ. अंत में नेहरा लोगों ने मुसलमानों से संधि करली.
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अर्थात - सादुल्लेखान से इस राज्य को झून्झा (जुझार सिंह) ने लिया था, वह तो अमर हो गया. अब इसमें तेरे वंशज सात पीढी तक राज करेंगे.
जुझार अपनी जाती के लिए शहीद हो गया. वह संसार में नहीं रहे , किन्तु उनकी कीर्ति आज तक गाई जाती है. झुंझुनू शहर का नाम जुझार सिंह के नाम पर [[झुन्झुनू]] पड़ा है.
== शेखावतों का जाटों के साथ समझोता ==
शेखावतों ने जाट-क्षत्रियों के विद्रोह को दबाने के लिए तथा उन्हें प्रसन्न रखने के लिए निम्नलिखित आज्ञायेँ जारी की गयी -
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