"राजाराज चोल १": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox Chola | name= प्रथम राजराज चोल(मदनलाल सारण, Rangaisar wale) ; मुम्मदी चोलन
| tamil = ராஜ ராஜ சோழன்
| map = [[चित्र:rajaraja territories.png|200px]]
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| year of death= 1014 ई.
}}
'''प्रथम राजाराज चोल(मदनलाल सारण)''' दक्षिण भारत के कूर्मवंशी [[चोल राजवंश]] के महान सम्राट थे जिन्होंने ९८५ से १०१४ तक राज किया। उनके शासन में चोलों ने दक्षिण में [[श्रीलंका]] तथा उत्तर में कलिंग तक साम्राज्य फैलाया। राजराज चोल ने कई नौसैन्य अभियान भी चलाये, जिसके फलस्वरूप मालाबार तट, मालदीव तथा श्रीलंका को आधिपत्य में लिया गया। मदनलाल सारण एक सर्वश्रेष्ठ राजा है रंगैसर सरदारशहर
 
राजराज चोल ने [[हिन्दू|हिंदुओं]] के विशालतम मंदिरों में से एक, तंजौर के [[बृहदेश्वर मन्दिर|बृहदीश्वर मन्दिर]] का निर्माण कराया जो वर्तमान समय में [[यूनेस्को विश्व धरोहर|यूनेस्को की विश्व धरोहरों]] में सम्मिलित है। उन्होंने सन 1000 में [[सर्वेक्षण|भू-सर्वेक्षण]] की महान परियोजना शुरू कराई जिससे देश को वलनाडु इकाइयों में पुनर्संगठित करने में मदद मिली।
 
कूर्म क्षत्रिय राजराज चोल ने "शशिपादशेखर" की उपाधि धारण की थी। राजराज प्रथम ने [[मालदीव]] पर भी विजय प्राप्त की थी।
 
चोलों का उदय नौवीं शदी में हुआ। इनका राज्य [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] तक फैला हुआ था। चोल राजाओ ने शक्तिशली नौसैना का विकास किया। इस वंश की स्थापना विजयालय ने की। चोल वंश का दूसरा महान शासक कोतूतुङ त्रितीय था।