"ईरान का इतिहास": अवतरणों में अंतर

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=== सूफीवाद ===
{{main|सूफ़ीवाद}}
अब्बासिद काल में ईरान की प्रमुख घटनाओं में से एक थी [[सूफ़ीवाद|सूफ़ी]] आंदोलन का विकास। यद्यपि सूफ़ी आंदोलन तो अरब और [[इराक़]] के इलाके में जन्मा था पर उसको सम्पूर्ण रूप ईरान में ही मिला। सूफी वे लोग थे जो धार्मिक कट्टरता के शिकार थे और सरल जीवन पसन्द करते थ। इस काल ने फ़ारसी भाषा में अभूतपूर्व कवियों को जन्म दिया। [[रुदाकी]], [[हकीम अबुल कासिम फिरदौसी तुसी|फिरदौसी]], [[उमर खय्याम]], नासिर-ए-खुसरो, [[जलालुद्दीन रूमी|रुमी]], [[इराकी]], [[शेख़ सादी|सादी]], [[हाफ़िज़ शिराज़ी|हफ़ीज़]] आदि उस काल के प्रसिद्ध कवि हुए जिसमें कईयों को सूफ़ीवाद के प्रेणेता के रूप में जाता जाना जाता है। इस काल की फारसी कविता को कई जगहों पर विश्व का सबसे बेहतरीन काव्य कहा गया है। रुदाकी (मृत्यु सन् ९४०) तथा फ़िरदौसी को उत्तर पूर्व में ख़ोरासान के [[सामानी]] तथा [[ग़जनवी]] शासकों की फ़ारसी साहित्य प्रोत्साहन के फायदे मिले। फिरदौसी के शाहनामे को इस्लाम-पूर्व ईरान के शासकों को महिमामंडित करने की पुस्तक के रूप में जाना जाता है जिसने उस काल की बोलचाल की फ़ारसी में समाहित हो चुके अरबी शब्दों का प्रयोग कम किया। बाद के शायरों ने हाँलांकि अरबी भाषा के शब्दों से परहेज नहीं किया और तेरहवीं सदी तक अरबी शब्द फ़ारसी के अंग बन गए। रूमी, इराक़ी तथा सादी १२१० के दशक में पैदा हुए थे और हाफ़िज़ उनके एक सदी बाद। आज भी ईरानियों में इस काल कवियों के प्रति बहुत आदरभाव है। इनमें से कई कवि सूफी विचारदारा से ओतप्रोत थे और अब्बासी शासन के अलावा कइयों को मंगोलों का जुल्म भी सहना या देखना पड़ा था। हाफ़िज़ के समय [[तैमूरलंग|तैमूर लंग]] के आक्रमण से फ़ारस परेशान था।
 
== साफ़वी वंश ==