"सर्वनाम": अवतरणों में अंतर
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== परिभाषा ==
[[कामताप्रसाद गुरु|कामताप्रसाद गुरू]] के मतानुसार-
वाक्य में जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा के बदले में होता है, उसे सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम शब्द का अर्थ है- सब का नाम। संज्ञा जहाँ केवल उसी नाम का बोध कराती है, जिसका वह नाम है, वहाँ सर्वनाम से केवल एक के ही नाम का नहीं, सबके नाम का बोध होता है। जैसे – राधा कहने से केवल इस नामवाली लड़की का बोध होगा किन्तु सीता, गीता, राम, श्याम सभी अपने लिए मैं का प्रयोग करते हैं तो मैं इन सबका नाम होगा। इसी तरह बोलनेवाले अनेक नामों के बदले तुम या आप और सुननेवाले अनेक नामों के बदले वह या वे का प्रयोग होता है।
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा के स्थान पर किया जाता है उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे - मैं, तुम, हम, आप, वे ।
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