"संपत्ति कर": अवतरणों में अंतर

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'''संपत्ति कर''' ([[अंग्रेज़ी]]:प्रॉपर्टी टैक्स), वह [[कर]] राशि होती है, जो किसी अचल संपत्ति के स्वामी द्वारा उस संपत्ति के मूल्य के अनुसार अदा किया जाता है। इस कर का अनुमान संपत्ति मूल्य के आधार पर लगता है।<ref name="">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-87264.html प्रॉपर्टी टैक्स]|हिन्दुस्तान लाइव।२३ दिसंबर, २००९</ref> इस प्रकार मूल परिभाषा अनुसार संपत्ति कर [[नगर पालिका|नगर पालिकाओं]] द्वारा अपने अधिकारक्षेत्र में स्थित अचल सम्पत्ति के स्वामियों पर लगाया गया सामान्य कर होता है, जो उस संपत्ति के मूल्य पर आधारित होता है। यह कर मुख्यत: [[भूमि]], भूमि सुधार, [[मानव]] द्वारा निर्मित चल वस्तु जैसे [[घर]], [[मकान]], [[दुकान]], [[भवन]] इत्यादि पर लागू होता है। इस कर के स्वरूप विभिन्न देशों में भिन्न प्रकार के हो सकते हैं। [[भारत]] में संपत्ति का वास्तविक स्वामी ही इस कर को जमा करता है जबकि [[संयुक्त राजशाही]] में किराएदार भी यह कर भरने के उत्तरदाई होते हैं। भारत में संपत्ति कर वार्षिक आधार पर लिया जाता है। सामान्यत: यह कर उचित किराए के आधार पर लगाया जाता है। उचित किराया वास्तविक किराया ही होता है, यदि इसे सही पाया जाता है। प्रायः लोग संपत्ति कर और निर्धारण कर को एक समझते हैं, लेकिन यह दोनों भिन्न-भिन्न होते हैं। गैर-किराये वाली संपत्ति होने की स्थिति में संपत्ति के मूल्य का आकलन स्थानीय कर की दर के आधार पर निकाला जाता है।
 
[[अमेरिका]] में प्रॉपर्टीसंपत्ति टैक्सकर वसूलने का अधिकार राज्य का होता है। संपत्ति की मॉनीटरी वैल्यू का आकलन संबंधित प्राधिकारी द्वारा किया जाता है, जो सामान्यत: नगरपालिका के आधीन काम नहीं करती। दिल्ली में संपत्ति कर को ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। अपने इलाके में सुविधाएं देने के लिए नई दिल्ली में [[नई दिल्ली नगर पालिका परिषद]] (एनडीएमसी) क्षेत्र में स्थित सभी संपत्तियों से कर वसूलती हैं। कुछ महीनों पहले [[दिल्ली]] के [[दिल्ली नगर निगम]] ने राजधानी की ग्रामीण आबादी को उनकी आवासीय भूमि पर संपत्ति कर न अदा करने की छूट दे दी है।
 
==संदर्भ==