"बेकारी": अवतरणों में अंतर

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== बेरोजगारी के प्रकार ==
* '''संरचनात्मक बेरोजगारी''' : सरचनात्मक बेरोजगारी वह बेरोजगारी है जो अर्थव्यवस्था मे होने वाले संरचनात्मक बदलाव के कारण उत्पन्न होती है।
* '''अल्प बेरोजगारी''' : अल्प बेरोजगारी वह स्थिति होती है जिसमैजिसमें एक श्रमिक जितना समय काम कर सकता है उससे कम समय वह काम करता है। दूूसरे शब्दो में, वह एक वर्ष मैंमें कुछ महीने या प्रतिदिन कुछ घंटे बेकार रहता है। अल्प बेरोजगारी के दो प्रकार है-
** '''दृष्य अल्प रोजगार:''' इस स्थिति में, लोगो को सामान्य घन्टों से कम घन्टे काम मिलता है।
** '''अदृष्य अल्प रोजगार''' : इस स्थिति मैमें, लोग पूरा दिन काम करते हैं पर उनकी आय बहुत कम होती है या उनको ऐसे काम करने पडते हैं जिनमें वे अपनी योग्यता का पूरा उपयोग नहीं कर सकते।
* '''खुली बेरोजगारी''' : उस स्थिति को कह्ते है जिसमे यद्यपि श्रमिक काम करने के लिये उत्सुक है और उसमें काम करने की आवश्यक योग्यता भी है तथापि उसे काम प्राप्त नही होता। वह पूरा समय बेकार रहता है। वह पूरी तरह से परिवार के कमाने वाले सदस्यों पर आश्रित होता है। ऐसी बेरोजगारी प्राय: कृषि-श्रमिको, शिक्षित व्यक्तियों तथा उन लोगों में पायी जाती है। जो गावों से शहरी हिस्सों में काम की तलाश में आते हैं पर उन को कोई काम नही मिलता। यह बेरोजगारी का नग्न रूप है।
* '''मौसमी बेरोजगारी''': इसका अर्थ एक व्यक्ति को वर्ष के केवल मौसमी महीनो में काम प्राप्त होता है। भारत में कृषि क्षेत्र में यह आम बात है। इधर बुआई तथा कटाई के मौसमों में अधिक लोगों को काम मिल जाता है किन्तु शेष वर्ष वे बेकार रहते हैं। एक अनुमान के अनुसार, यदि कोई किसान वर्ष मैंमें केवल एक ही फसल की बुआई करता है तो वह कुछ महिने तक बेकार रहता है। इस स्थिति को मौसमी बेरोजगारी माना जाता है।
* '''चक्रीय बेरोजगारी''' : ऐसी बेरोजगारी तब उत्पन्न होती है जब अर्थव्यवस्था में चक्रीय ऊंच नीच आती है। तेजी, आर्थिक सुस्ती, आर्थिक मंदी तथा पुनरुत्थान चार अवस्थाएं या चक्र है जो एक पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएं हैं। आर्थिक तेजी की अवस्था में आर्थिक क्रिया उच्च स्तर पर होती है तथा रोजगार का स्तर भी बहुत ऊंचा होता है। जब अर्थव्यवस्था मैंमें कुल ज़रुरत के घटने की प्रवृत्ति पाई जाती है।
* '''छिपी बेरोजगारी''' : छिपी बेरोजगारी से पीडित व्यक्ति वह होता है जो ऐसे दिखाई देता है जैसे कि वह काम में लगा हुआ है, परन्तु वास्तव में ऐसा नही होता।
जैसे कि किसी काम के लिए दशदस लोगों की अवश्यकता है परन्तु उससे ज्यादा होते हैं ऐसे अवसर मेमें यह होता है |
 
== इन्हें भी देखें ==