"साबरमती आश्रम": अवतरणों में अंतर

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हृदयकुंज में गांधी जी एवं कस्तूरबा ने लगभग 12 वर्षों तक निवास किया था। 10 मई, 1963 ई. को श्री जवाहरलाल ने हृदयकुंज के समीप गांधी स्मृति संग्रहालय का उद्घाटन किया। इस संग्रहालय में गांधी जी के पत्र, फोटोग्राफ और अन्य दस्तावेज रखे गए हैं। यंग इंडिया, नवजीवन तथा हरिजन में प्रकाशित गांधी जी के 400 लेखों की मूल प्रतियाँ, बचपन से लेकर मृत्यु तक के फोटोग्राफों का बृहत् संग्रह और भारत तथा विदेशों में भ्रमण के समय दिए गए भाषणों के 100 संग्रह यहाँ प्रदर्शित किए गए हैं। संग्रहालय में पुस्तकालय भी हैं, जिसमें साबरमती आश्रम की 4,000 तथा [[महादेव देसाई]] की 3,000 पुस्तकों का संग्रह है। इस संग्रहालय में महात्मा गांधी द्वारा और उनको लिखे गए 30,000 पत्रों की अनुक्रमणिका है। इन पत्रों में कुछ तो मूल रूप में ही हैं और कुछ के माइक्रोफिल्म सुरक्षित रखे गए हैं।
 
जब तक साबरमती आश्रम का दर्शन न किया जाए तब तक गुजरात या अहमदाबाद नगर की यात्रा अपूर्ण ही रहती है। अब तक विश्व के अनेक देशों के प्रधानों, राजनीतिज्ञों एवं विशिष्ट व्यक्तियों ने इस आश्रम के दर्शन किए हैं। The room in which Gandhiji was staying is still kept in the same way as it was at that time. The cottage is called Hryday Kunj and the seat of Mahatma Gandhi along with his small desk on which he was working, are preserved in the same fashion. The other small but vital belongings of Mahatma Gandhi like his pen, pencils, specs, clothes, shoes, and his pocket watch are preserved here in this cottage. The visitors really get amazed to know how simple life the great Gandhiji was living. The hand weaving unit (Rantiyo), which was used by Mahatma Gandhi, is also kept in this cottage.
 
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://powerofhydro.blogspot.com/2009/07/blog-post_23.html साबरमती आश्रम की कुछ छबियाँ]
 
[[श्रेणी:महात्मा गांधी]]