"गतिज ऊर्जा": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Luna Park Melbourne scenic railway.jpg|right|thumb|200px|ये झूला गाड़ी जब नीचे की तरफ जाती है तब उसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल
ती है, अर्थात उसकी स्थितिज ऊर्जा कम कम हो जाती है और गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। जब रोलर कास्टर ऊपर चढ़ता है तो इसके उल्टा होता है, उसकी गतिज ऊर्जा घटती है और स्थितिज ऊर्जा बढ़ जाती है।]] '''गतिज ऊर्जा''' (Kinetic Energy) किसी पिण्ड की वह अतिरिक्त [[ऊर्जा]] है जो उसके [[वेग|रेखीय वेग]] अथवा [[कोणीय वेग]] अथवा दोनो के कारण होती है। इसका मान उस पिण्ड को विरामावस्था से उस वेग तक त्वरित करने में किये गये कार्य के बराबर होती है। यदि किसी पिण्ड की गतिज ऊर्जा E हो तो उसे विरामावस्था में लाने के लिये E के बराबर ऋणात्मक कार्य करना पड़ेगा।<ref>Judith P. Zinsser (2007). Emilie du Chatelet: Daring Genius of the Enlightenment. Penguin. ISBN 0-14-311268-6.</ref>
गतिज ऊर्जा (रेखीय गति) = (1/2) * m * v * v ; m = [[द्रव्यमान]], v = रेखीय वेग
गतिज ऊर्जा (घूर्णन गति) = (1/2) * I * w * w ; I = [[जड़त्वाघूर्ण]], w = [[कोणीय वेग]]
==चिरसम्मत यांत्रिकी में गतिज ऊर्जा==
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