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:HAPPY HOLI. --[[सदस्य:Mitul0520|मितुल]] ०४:१३, ४ मार्च २००७ (UTC)
 
==होली की शुभकामनायें==
 
होली यह त्यौहार आपके लिये मंगलकारी हो।
 
आज श्याम संग सब सखियन मिलि, ब्रज में होरी खेलैं ना।
अरे हाँ प्यारे ललना ब्रज में होरी खेलैं ना॥
 
इत से निकसी नवल राधिका उत से कुँवर कन्हाई ना।
अरे हाँ प्यारे ललना ब्रज में होरी खेलैं ना॥
हिल मिल फाग परस्पर खेलैं शोभा बरनि न जाई ना।
अरे हाँ प्यारे ललना ब्रज में होरी खेलैं ना॥
 
बाजत झांझ मृदंग ढोल ढफ, मंजीरा शहनाई ना।
अरे हाँ प्यारे ललना ब्रज में होरी खेलैं ना॥
उड़त गुलाल लाल भये बादर केसर कीच मचाई ना।
अरे हाँ प्यारे ललना ब्रज में होरी खेलैं ना॥
 
आज श्याम संग सब सखियन मिलि, ब्रज में होरी खेलैं ना।
 
किन्तु विरहिन की होलीः
 
नींद नहिं आवै पिया बिना नींद नहिं आवै।
मोहे रहि रहि मदन सतावै पिया बिना नींद नहिं आवै॥
 
सखि लागत मास असाढ़ा, मोरे प्रान परे अति गाढ़ा,
अरे ओ तो बादर गरज सुनावै, मोरे पापी पिया नहिं आवै,
पिया बिना नींद नहिं आवै॥
 
सखि सावन मास सुहाना, सब सखियाँ हिंडोला ताना,
अरे तुम झूलव संगी सहेली, मैं तो पिया बिना फिरत अकेली,
पिया बिना नींद नहिं आवै॥
 
सखि भादों गहन गंभीरा, मोरे नैन बहे जल-नीरा,
अरे मैं तो ड़ूबत हौं मझधारे, मोहे पिया बिना कौन उबारे,
पिया बिना नींद नहिं आवै॥
 
सखि क्वार मदन तन दूना, मोरे पिया बिना मंदिर सूना,
अरे मैं तो का से कहौं दुख रोई, मैं तो पिया बिना नींद न सोई,
पिया बिना नींद नहिं आवै॥
 
सखि कातिक मास देवारी, सब दियना अटारी बारी,
अरे तुम पहिरव कुसुम रंग सारी, मैं तो पिया बिना फिरत उघारी,
पिया बिना नींद नहिं आवै॥
 
सखि अगहन अगम अंदेसू, मैं तो लिख-लिख भेजौं संदेसू,
अरे मैं तो नित उठ सुरुज मनावौं, परदेसी पिया को बुलावौं,
पिया बिना नींद नहिं आवै॥
 
सखि पूस जाड़ अधिकाई, मोहे पिया बिना सेज ना भाई,
अरे मोरे तन-मन-जोबन छीना, परदेसी गवन नहिं कीन्हा,
पिया बिना नींद नहिं आवै॥
 
सखि माघ आम बौराये, चहुँ ओर बसंत बिखराये़
अरे ओ तो कोयल कूक सुनावै, परदेसी बलम नहिं आवै,
पिया बिना नींद नहिं आवै॥
 
सखि फागुन मस्त महीना, सब सखियन मंगल कीन्हा,
अरे तुम खेलव रंग गुलाले, मोहे पिया बिना कौन दुलारे,
पिया बिना नींद नहिं आवै॥
 
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