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केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण
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[[चित्र:Delhi Montage.jpg|अंगूठाकार|केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण]]
 
[[भारतीय संसद]] द्वारा 1985 में पारित [[प्रशासनिक न्यायाधिकरण अधिनियम]], '''केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण''' (Central Administrative tribunal या CAT/कैट)) और राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को अधिकृत करता है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की प्रमुख पीठ (बेंच) [[दिल्ली]] में है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न राज्यों में अतिरिक्त पीठें भी हैं। वर्तमान में 17 नियमित पीठ और ३० डिविजन बेंच हैं।
* इसके क्षेत्राधिकार में केंद्र सरकार या केंद्र शासित प्रदेश या भारत सरकार के अंतर्गत किसी स्थानीय या अन्य सरकार या केंद्र के स्वामित्व व नियंत्रण वाले निगमों के कार्मिकों के सेवा संबंधी मामले आते है।
** CAT की स्थापना 1 नवंबर, 1985 को की गई।
** इसकी 17 नियमित पीठें (Benches) हैं, जिनमें से 15 उच्च न्यायालयों की मुख्य पीठों से और शेष दो जयपुर और लखनऊ से संचालित होती हैं।
** ये पीठें उच्च न्यायालयों की अन्य सीटों पर भी सर्किट बैठक (Circuit Sittings) का आयोजन करती हैं। अधिकरण में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य सदस्य शामिल होते हैं।
* सदस्यों को न्यायिक और प्रशासनिक दोनों क्षेत्रों से चुना जाता है ताकि दोनों क्षेत्रों की विशेषज्ञताओं का लाभ मिल सके।      
* प्रशासनिक अधिकरण के आदेशों के विरुद्ध अपील संबद्ध उच्च न्यायालय की खंडपीठ या डिविज़न बेंच के समक्ष की जा सकती है। <ref>{{Cite web|url=https://cgat.gov.in/catlive/index.php|title=Home {{!}} CAT|website=cgat.gov.in|access-date=2022-10-04}}</ref>    
 
कैट में एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य सदस्य शामिल हैं। इनकी नियुक्ति [[भारत के राष्ट्रपति|राष्ट्रपति]] द्वारा की जाती है। न्यायिक और प्रशासनिक क्षेत्रों से कैट के सदस्यों की नियुक्ति होती है। सेवा की अवधि 5 वर्ष या अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए 65 वर्ष और सदस्यों के लिए 62 वर्ष जो भी पहले हो, तक होती है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या कैट का कोई भी अन्य सदस्य अपने कार्यकाल के बीच में ही अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज सकता है।