"राजेन्द्र अवस्थी": अवतरणों में अंतर

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13:52, 30 दिसम्बर 2009 का अवतरण

प्रख्यात पत्रकार और लेखक राजेन्द्र अवस्थी का बुधवार सुबह एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार थे और आज उनके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के काम करना बंद कर देने के कारण उनका निधन हो गया। वह ७९ वर्ष के थे। मध्य प्रदेश के गढा जबलपुर में २५ जनवरी, १९३० को जन्मे राजेन्द्र अवस्थी नवभारत, सारिका, नंदन, साप्ताहिक हिन्दुस्तान और कादम्बिनी के संपादक रहे। उन्होंने अनेक उपन्यासों कहानियों एवं कविताओं की रचना की। वह ऑथर गिल्ड आफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे। दिल्ली सरकार की हिन्दी अकादमी ने उन्हें १९९७-९८ में साहित्यिक कृति से सम्मानित किया था।

उनके उपन्यासों में सूरज किरण की छांव, जंगल के फूल, जाने कितनी आंखें, बीमार शहर, अकेली आवाज और मछलीबाजार शामिल हैं। मकड़ी के जाले, दो जोड़ी आंखें, मेरी प्रिय कहानियां और उतरते ज्वार की सीपियां, एक औरत से इंटरव्यू और दोस्तों की दुनिया उनके कविता संग्रह हैं जबकि उन्होंने जंगल से शहर तक नाम से यात्रा वृतांत भी लिखा है।