"पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो": अवतरणों में अंतर
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आशीष भटनागर (वार्ता | योगदान) |
आशीष भटनागर (वार्ता | योगदान) |
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इस प्रभाग में भारत और अन्य देशों में पुलिस कार्य के लिए प्रयुक्त की जा रही विज्ञान और प्रौद्योगिकी की तकनीकों के क्षेत्र में हो रहे विकास संबंधी जानकारी रखी जाती है । इसके अतिरिक्त यह नई कार्य पध्दतियों का भी अध्ययन करता है ताकि उपयुक्त उपकरण व तकनीकें अपनाई जा सकें । यह निरंतर ही नई प्रौद्योगिकी व वैज्ञानिक उत्पाद की जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है और उन्हें देश में अपनाए जाने की उपयुक्तता पर विचार करता है । यह बॉडी आर्मर, बुलेटप्रूफ वाहनों, शस्त्रों, मोटर वाहनों, इत्यादि जैसे उपकरणों साधनों के प्रयोग के बारे में भी मानक तय करता है । जब से राज्यों ने अपने शस्त्रों उपकरणों को उन्नत करने की योजना बनाई है । इस प्रभाग की प्रासंगिकता पहले की तुलना में काफी अधिक बढ ग़ई है।
===प्रशिक्षण प्रभाग ===
पुलिस प्रशिक्षण के बारे में गठित समिति
यह प्रभाग राज्य पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों और अन्य शैक्षिक निकायों से संपर्क बनाए रखता है तथा विभिन्न विशिष्ट पाठयक्रमों का पाठय विवरण व प्रशिक्षण सामग्री तैयार एवं परिचालित करने में सहायता करता है ताकि उन्हें अपग्रेड करने में कोई कठिनाई न आ सके । प्रशिक्षण प्रभाग मित्र देशों के पुलिस अधिकारियों को भारत में प्रशिक्षण देने और भारतीय पुलिस अधिकारियों के लिए भारत व विदेश दोनों ही स्थानों में विदेशी प्रशिक्षकों की सहायता से विशिष्ट पाठयक्रम आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रशिक्षण प्रभाग भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों और अधीनस्थ अधिकारियों के लिए देश में प्रशिक्षण पाठयक्रम आयोजित कर रहा है।
===दोष-सुधार प्रशासन प्रभाग ===
गृह मंत्रालय ने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो में दोष सुधार प्रशासन प्रभाग की स्थापना की । इस संबंध में उनके दिनांक 16 नवंबर 1995 के पत्र 110181492-जीपीए का अवलोकन किया जा सकता है ।
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