"जैविक नृविज्ञान": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Primate skull series no legend.png|right|thumb|350px|हार्वर्ड विश्वविद्यालय की तुलानात्मक जन्तुविज्ञान के विभाग में संग्रहित नरवानरों की खोपड़ीयां]]
'''जैविक नृविज्ञान''' (अंग्रेजी-''Biological anthropology''), [[मानवशास्त्र|नृविज्ञान]] की प्रथम एवं सर्वप्रमुख शाखा है। यह मानव का एक जैविक प्राणी के रूप में
मानव की उत्पत्ति एवं उसके उदविकास का अध्ययन जीवश्मीय साक्ष्यों के आधार पर किया जाता है। इसके साथ ही प्राइमेट के मानवीय गुणों का पता लगाकर मानव के पूर्वजों के बारे में अनुमान लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त आदिकालीन जलवायु, पौधों एवं जंतुओं के अध्ययन से प्राप्त जानकारी से भी मानव उदविकास के बारे में जानने का प्रयास किया जाता है। मानव की प्रजातीय विविधता के अध्ययन के लिए मानवविज्ञानी मानव की उन शारीरिक विशिष्टताओं का अध्ययन करते हैं जो आनुवंशिक होते हैं। यह अध्ययन प्रजातीय वर्गीकरण में सहायक होते हैं।
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