"सवैया": अवतरणों में अंतर
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'''सवैया''' एक [[छंद|छन्द]] है। यह चार चरणों का समपाद वर्णछंद है। वर्णिक वृत्तों में 22 से 26 अक्षर के चरण वाले जाति छन्दों को सामूहिक रूप से हिन्दी में सवैया कहने की परम्परा है। इस प्रकार सामान्य जाति-वृत्तों से बड़े और वर्णिक दण्डकों से छोटे छन्द को सवैया समझा जा सकता है।
[[कवित्त]] - [[घनाक्षरी]] के समान ही हिन्दी [[रीति काल|रीतिकाल]] में विभिन्न प्रकार के सवैया प्रचलित रहे हैं।
==उदाहरण==
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