"मीर तक़ी मीर": अवतरणों में अंतर
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'''ख़ुदा-ए-सुखन मोहम्मद तकी''' उर्फ ''मीर तकी "मीर" '' ([[१७२३|1723]] - 20 सितम्बर [[१८१०|1810]]) [[उर्दू भाषा|उर्दू]] एवं [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] भाषा के महान [https://hindi10quotes.blogspot.com/ शायर] थे। मीर को उर्दू के उस प्रचलन के लिए याद किया जाता है जिसमें फ़ारसी और हिन्दुस्तानी के शब्दों का अच्छा मिश्रण और सामंजस्य हो। [[अहमद शाह अब्दाली]] और [[नादिर शाह|नादिरशाह]] के हमलों से कटी-फटी दिल्ली को मीर तक़ी ''मीर'' ने अपनी आँखों से देखा था। इस त्रासदी की व्यथा उनकी रचनाओं मे दिखती है। अपनी ग़ज़लों के बारे में एक जगह उन्होने कहा था-
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