"सौर पवन": अवतरणों में अंतर

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== संबंधित अंतरिक्ष यान ==
[[चित्र:IBEX spacecraft.jpg|thumb|200px|[[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमेरिकी]] अंतरिक्ष एजेंसी [[नासा]] के द्वारा [[इंटरस्टेल्लर बाउंड्री एक्सप्लोरर उपग्रह|इंटरस्टेल्लर बाउंड्री एक्सप्लोरर]] ([[इंटरस्टेल्लर बाउंड्री एक्सप्लोरर उपग्रह|आईबेक्स]]) नामक एक अंतरिक्ष यान छोड़ा गया है।]]
[[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमेरिकी]] अंतरिक्ष एजेंसी [[नासा]] के द्वारा कुछ समय से लगातार सिमटती जा रही सौर वायु के अध्ययन हेतु [[इंटरस्टेल्लर बाउंड्री एक्सप्लोरर उपग्रह|इंटरस्टेल्लर बाउंड्री एक्सप्लोरर]] ([[इंटरस्टेल्लर बाउंड्री एक्सप्लोरर उपग्रह|आईबेक्स]]) नामक एक [[अंतरिक्ष यान]] छोड़ा गया है।<ref name="दैट्स">[http://thatshindi.oneindia.in/news/2008/10/20/200810292490100.html सोलर विंड के अध्ययन के लिए नासा ने छोड़ा यान]{{Dead link|date=अक्तूबर 2022 |bot=InternetArchiveBot }}। दैट्स हिन्दी। २० अक्टूबर २००८। समाचार एजेंसी डीपीए</ref><ref name="भास्कर">[http://www.businessbhaskar.com/article.php?id=5537 सोलर विंड अध्ययन के लिए नासा ने छोड़ा यान]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}। बिजनेस भास्कर। २१ अक्टूबर</ref> यह यान सौर वायु के बारे में जानकारी प्राप्त करेगा जो विभिन्न ग्रहों की ब्रह्माण्डीय किरणों से सुरक्षा करती है। अगले दो वर्षो तक आईबेक्स द्वारा सौर प्रणाली और [[अंतरतारकीय माध्यम|अंतरतारकीय आकाश]] के बारे में गहन जानकारी और उसके चित्र भी मिलते रहेंगे। सौर प्रणाली और [[अंतरतारकीय माध्यम|अंतरतारकीय क्षेत्र]] की यह सीमा अति महत्वपूर्ण है क्योंकि वह विभिन्न हानिकारक किरणों से सुरक्षा करती है। यदि इसके अभाव में वे किरणें धरती तक पहुंच जाएं तो उससे काफी नुकसान पहुंच सकता है।<ref name="भास्कर"/>
 
[[नासा]] द्वारा सूर्य के कोरोना व सौर वायु का रहस्य जानने के लिए एक अंतरिक्ष यान प्रस्तावित है। [[सोलर प्रोब प्लस]] नामक यह यान वर्ष [[२०१५]] में भेजा जाएगा। सोलर प्रोब प्लस सूर्य के काफी निकट तक पहुंचेगा और इसका डिजाइन व निर्माण कार्य अनुभवी एप्लाइड फिजिक्स लैब (एपीएल) द्वारा किया जाएगा। इस अभियान को भेजे जाने में सात वर्ष का समय लग जाएगा। ये यानसूर्य के काफी निकट पहुंचकर लगभग ७० लाख किमी दूरी पर रहकर अपना कार्य करेगा। सूर्य के कोरोना व सौर वायु के बारे में इससे काफी तथ्य उजागर होने की संभावनाएं हैं। नासा का यह अभियान एरीज के वैज्ञानिकों द्वारा सूर्य पर किए जा रहे अध्ययन में भी लाभकारी सिद्ध होगा।<ref name="जागरण">[http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_4534458.html सोलर प्रोब प्लस मिशन से एरीज के वैज्ञानिक उत्साहित]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}। याहू जागरण। ११ जून २००९</ref>