"स्वच्छमण्डल": अवतरणों में अंतर
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==प्रत्यारोपण==
[[Image:Cornea.jpg|thumb|left|कॉर्निया, आइरिस और लेन्स की स्लिट लैम्प छवि।]]
कॉर्निया के ऑपरेशन का यह तरीका सबसे पहले इटली में विकसित किया गया था। यह पहला मौका था कि उसे अमेरिका में भी अपनाया गया है। इस ऑपरेशन में रोगी के एक दाँत और उसके पास की कुछ हड्डी को निकाल कर तराशा गया और उस में बेलनाकार लेंस को बैठाने के लिए एक छेद किया गया। लेंस सहित दाँत को पहले रोगी के गालों या कंधों की त्वचा के नीचे दो महीनों के लिए प्रतिरोपित किया जाता है, ताकि वे अच्छी तरह आपस में जुड़ जाएँ। बाद में उन्हें वहाँ से निकाल कर आँख में प्रतिरोपित किया जाता है। इसके लिए आँख वाले गड्ढे को पहले अच्छी तरह तैयार किया जाता है।आँख की श्लेश्मा वाली परत में एक छेद किया जाता है, ताकि लेंस थोड़ा-सा बाहर निकला रहे और आसपास के प्रकाश को ग्रहण कर सके।<ref name="यादव">[http://hindi.webdunia.com/samayik/deutschewelle/dwnews/0909/18/1090918033_1.htm दाँत लगते ही लौट आई दृष्टि ]।वेब दुनिया।राम यादव</ref>
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