"स्वच्छमण्डल": अवतरणों में अंतर
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'''स्वच्छमण्डल''' या कनीनिया ([[अंग्रेज़ी]]:कॉर्निया) आंखों का वह भाग होता है जहां रोशनी का प्रव्र्यात्तन होता है और कॉर्निया हमें साफ देखने में बहुत मदद करता है। कॉर्निया कैमरे की लैंस की तरह होता है। कॉर्निया से रोशनी अंदर जाकर रेटीना पर गिरती है इसके बाद फिल्म बनती है। कॉर्निया खराब होने पर रेटीना पर फिल्म नहीं बनती और इंसान अंधा हो जाता है।<ref name="ग्रोथ">[http://www.growthindia.org/?p=1915 आंख चाहने वालों की प्रतीक्षा सूची तीन साल तक पहुंच गई]।ग्रोथ इंडिया।१७ जुलाई, २००९।</ref> कई बार आंखों में संक्रमण, चोट या विटामिन-ए की कमी के कारण भी कॉर्निया खराब हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि नेत्रदान करने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके कॉर्निया को निकालकर मशीन (एमके मीडियम) की सहायता से उसकी सेल्स डेनसिटी देखी जाती है। एक वर्ग मिलीमीटर स्क्वायर एरिया में तीन हजार से ज्यादा सेल्स होना अच्छे कॉर्निया की निशानी है।
==प्रत्यारोपण==
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