"पुनर्जागरण": अवतरणों में अंतर
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'''कुस्तुनतुनिया का पतन :-'''
1453 ई. में उस्मानी तुर्कों ने कुस्तुनतुनिया पर अधिकार कर लिया. कुस्तुनतुनिया ज्ञान-विज्ञान का केंद्र था. तुर्कों की विजय के बाद कुस्तुनतुनिया के विद्वान् भागकर यूरोप के देशों में शरण लिए. उन्होंने लोगों का ध्यान प्राचीन साहित्य और ज्ञान की ओर आकृष्ट किया. इससे लोगों में प्राचीन ज्ञान के प्रति श्रद्धा के साथ-साथ नवीन जिज्ञासा उत्पन्न हुई. यही जिज्ञासा पुनर्जागरण (Renaissance in Europe) की आत्मा थी. कुस्तुनतुनिया के पतन का एक और महत्त्वपूर्ण प्रभाव हुआ. यूरोप और पूर्वी देशों के बीच व्यापार का स्थल मार्ग बंद हो गया. अब जलमार्ग से पूर्वी देशों में पहुँचने का प्रयास होने लगा. इसी क्रम में कोलंबस, वास्कोडिगामा और मैगलन ने अनेक देशों का पता लगाया। punejagran in europe i hindi more detail
प्राचीन साहित्य की खोज:-
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