"राणा मोकल": अवतरणों में अंतर
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'''राणा मोकल''' मेवाड़ के [[राणा लाखा]] तथा ( मारवाड़ की राजकुमारी ) [[रानी हंसाबाई|रानी हंंसाबाई]] केे पुत्र थेे।
मोकल का srskhak रणमाल राठौड़/राणा चूड़ा को संरक्सक बनाया(राजस्थान का प्रथम भीष्म पितामह बोला गया )
मेवाड़ राज्य की विषय परिस्थितियों का दौर राणा लाखा की मृत्यु के बाद प्रारंभ हो गया। राणा मोकल को परिस्थितियाँ विरासत के रूप में प्राप्त हुई, क्योंकि इनके पिता लाखा का विवाह मारवाड़ की राजकुमारी हंसाबाई से वृद्धावस्था में हुआ और बहुत जल्द ही राणा लाखा की मृत्यु हो गयी। 1421 में जब मोकल शासक बना तो अल्पायु होने के कारण चूण्डा ने उसके संरक्षक के रुप में कार्य किया, मृत्यु के पश्चात् मेवाड़ का शासन हंसाबाई व उसके भाई राव रणमल केे हाथों में आ गया, कुुंवर चूड़ा अपने अपमान के कारण [[माण्डू|मांंडू]] ( मध्य प्रदेश) चला गया, राणा मोकल का शासनकाल 1421 ई.-1433 ई. के बीच माना जाता है।
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