"विकिपीडिया:चौपाल": अवतरणों में अंतर

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:::यह उत्तर संतोषजनक नहीं है। इस्लाम लेख किस दृष्टि से खास है? अगर इसके लेखक को १३२ संपादनों के आधार पर बार्न स्टार के योग्य समझा जाता है तो समानता के आधार पर १३२ तक संपादन करने वाले हर सदस्य को उस लेख के लिए विशेष बार्न स्टार दिया जाना चाहिए जो उसने बनाया है। इस्लाम लेख में कोई पर तो नहीं लगे हैं कि सिर्फ उसी लेख के रचयिता को विशिष्ट बार्न स्टार दिया जाय।--[[सदस्य:सुरुचि|सुरुचि]] १५:२८, ५ जनवरी २०१० (UTC)
::::उत्तर तो मात्र प्रथम दो वाक्यों में दिया है मैंने। हां शहाब के लिये कारण बताय गया जिसे मैंने मान लिया, ठीक वैसे ही जैसे आप दोनों के नाम तो बिना कारण ही मैंने चौपाल पर ही मान लिये, मात्र इसीलिये कि मुनिता जी ने सोचा है तो ठीक ही होगा। आप तो कहीं बेहतर स्थिति में हैं (योगदान के हिसाब से)। बाद में कारण लिखे थे, जो मुझे बताये गए। वैसे ये तो आप भी मानेंगी कि ई ने ४०० पेड़ों पर २-२ वार किये हों, तो उसके निशान साफ़ दिखेंगे किंतु पेड़ खड़े रहेंगे, वहीं किसी और ने ३०० वार ही १-२ पेड़ों पर किये और पेड़ धराशायी हो गया तो आमतौर पर क्या समझा जायेगा? (ये मेरी राय नहीं है, बहुमत है)। बिल्कुल वैसे ही जैसे मैंने अकबर के विवादास्पद होने के कारण निर्वाचन से रोके जाने को माना था। शेष के लिये शहाब के बारे में मुनिता जी से संपर्क कर सकती हैं। --<small><span style="border:1px solid #0000ff;padding:1px;">'''प्र:'''[[User:आशीष भटनागर|<b>आशीष भटनागर</b>]][[User_talk:आशीष भटनागर|<font style="color:#FF4F00;background:#4B0082;"> &nbsp;वार्ता&nbsp;</font>]] </span></small> ०६:२९, ६ जनवरी २०१० (UTC)
:::::वाह वाह तो इस्लाम का पेड़ गिर गया? क्या कमाल की बात की है आपने। क्या भाषा है! हम यहाँ पेड़ काटने नहीं उनको सींचने आते हैं। पर आपकी नज़र इस्लाम के कटे पेड़ से हटकर हरियाली पर ठहरे तब बात है। मुझे मुनिता जी से कुछ नहीं कहना आपसे कहना था कह दिया। धन्यवाद।--[[सदस्य:सुरुचि|सुरुचि]] ०९:१८, ७ जनवरी २०१० (UTC)
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