"नंद वंश": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 121:
8.''' सम्राट घनानंद'''सम्राट महापद्मनंद की पत्नी महानंदिनी से उत्पन्न अंतिम पुत्र था। घनानंद जब युवराज था तब आनेको शक्तिशाली राज्यों को मगध साम्राज्य के अधीन करा दिया। नंदराज महापद्मनंद की मृत्यु के बाद 326 ईसवी पूर्व में घनानंद मगध का सम्राट बना। नंदराज एवं भाई कैवर्त की मृत्यु के बाद यह बहादुर योद्धा शोकग्रस्त रहने लगा। फिर भी इसकी बहादुरी की चर्चा से कोई भी इसके साम्राज्य की तरफ आक्रमण करने की हिम्मत नहीं कर सका। विश्वविजेता सिकंदर ने भी नंद साम्राज्य की सैन्यशक्ति एवं समृद्धि देख कर ही भारत पर आक्रमण करने की हिम्मत नहीं की।
 
9.''' चंद्र नंद (चंद्रगुप्त मौर्य)'''चक्रवर्ती सम्राट महापद्मनंद के पुत्र जिनका वास्तविक नाम चंद्रनन्द था जिनकी मां (मुरा) एक ब्राह्रमण परिवार से थी महापद्मनंद के बाद उनके पुत्र धनानंद राजा हुए जिनके डर से सिकन्दर भी भाग गया था। धननन्द ने मंत्री चाणक्य (विष्णुगुप्त) को पीटकर सभा से इसलिये बाहर निकाल दिया चाणक्य धनानंद से पहले सिंहासन पर बैठ गये थे । चाणक्य ने धनानंद के सौतेले भाई चन्द्रनन्द को भड़काकर धनानंद को धोखे से चन्द्रनन्द से मरवाकर चन्द्रनन्द क्रो राजा बनाया और चन्द्रनन्द को मां मुरा के नाम पर चन्द्रगुप्त मौर्य नाम दिया ।
 
== सारांश ==