"अनुलोम-विलोम प्राणायाम": अवतरणों में अंतर
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- अनुलोम-विलोम प्राणायाम करते समय यदि नासिका के सामने आटे जैसी महीन वस्तु रख दी जाए, तो पूरक व रेचक करते समय वह न अंदर जाए और न अपने स्थान से उड़े। अर्थात सांस की गति इतनी सहज होनी चाहिए कि इस प्राणायाम को करते समय स्वयं को भी आवाज न सुनायी पड़े।
- हस्थमैथुन करने के पश्चात् यह प्राणायम न करें
== कैसे करे ==
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