"गुरु जम्भेश्वर": अवतरणों में अंतर

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== बिश्नोई समुदाय ==
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बिश्नोई हिन्दू धर्म का एक व्यावहारिक एवं सादे विचार वाला समुदाय है, इनका मुख्य व्यवसाय खेती है बिश्नोई समाज की स्थापना गुरु जम्भेश्वर भगवान ने विक्रमी संवत 1542 सन 1485 में 34 वर्ष की अवस्था में बीकानेर जिले के समराथल धोरे पर कार्तिक वदी अष्ट को पाहल बनाकर की थी। गुुरू जंभेश्वर भगवान द्वारा बनाये गये 29 नियम का पालन करने पर इस समाज के 20 + 9 लोग = 29 (बीस+नौ) बिश्नोई कहलाये। अर्थात बिश्नोई समाज का अर्थ है '29 नियमों को धारण करने वाला' यह समाज वन्य जीवों को अपना सगा संबधी जैसा मानते है तथा उनकी रक्षा करते है। वन्य जीव रक्षा करते-करते कई लोग वीरगति को प्राप्त भी हुए है। यह समाज प्रकृति प्रेमी भी है। अधिकांश बिश्नोई [[जाट]] जाति से है।<ref>www.google.com/amp/s/www.hindustantimes.com/punjab/bishnoi-faces-bumpy-ride-in-jat-vs-non-jat-contest/story-O67GzOTye68l3Af2h99d3L_amp.html</ref>है
 
29 नियम
 
1तीस दिन सूतक रखना ।
 
2पाँच दिन ऋतुवन्ती स्त्री को गृहकार्य से पृथक रहन
3 प्रतिदिन सवेरे स्नान करना।
 
4. शील का पालन करना व संतोष रखना।
 
5. बाह्य और आन्तरिक पवित्रता रखना
6द्विकाल संध्या-उपासना करना।
 
7. संध्या समय आरती और हरिगुण गाना।
8. निष्ठा और प्रेमपूर्वक हवन करना
 
9.पानी, ईंधन और दूध को छान कर प्रयोग में लेना।
 
10. वाणी विचर कर बोलना।
 
11. क्षमा दया धारण करना ।
 
12. चोरी नहीं करना । 13. निन्दा नहीं करनी।
 
14. झूठ नहीं बोलना।
 
15. वाद-विवाद का त्याग करना।
 
16. अमावस्या का व्रत रखना। 17. विष्णु का भजन करना।
 
18. जीव दया करना।
 
19. हरा वृक्ष नहीं काटना।
 
20. काम, क्रोध आदि अजरों को
 
21. रसोई अपने हाथ से बनानी।
 
22. थाट अमर रखना।
 
23. बैल बधिया नहीं करना।
 
24. अमल नहीं खाना
 
25. तम्बाकू नहीं खाना।
 
26. भांग नहीं पीना।
 
27. मद्यपान नहीं करना ।
 
28. मांस नहीं खाना।
 
29. नीला वस्त्र व नील का त्याग करना।।<ref>www.google.com/amp/s/www.hindustantimes.com/punjab/bishnoi-faces-bumpy-ride-in-jat-vs-non-jat-contest/story-O67GzOTye68l3Af2h99d3L_amp.html</ref>
 
==खेजड़ली का बलिदान==