"राम कुमार वर्मा": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox writer <!-- For more information see [[:Template:Infobox Writer/doc]]. -->
| name = रामकुमार वर्मा
| image = Ramkumar-verma.jpg
| birth_date = {{Birth date|df=yes|1905|09|15}}
| birth_place = सागर जिला, [[सेन्ट्रल प्रोविन्स]], [[भारत]]
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| awards = {{awd|पद्मभूषण|1963|साहित्य और शिक्षा}}
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'''डॉ राम कुमाररामकुमार वर्मा''' (15 सितम्बर, 1905 - 1990) [[हिन्दी]] के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, [[व्यंग्य]]कार और हास्य कवि के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें हिन्दी [[एकांकी]] का जनक माना जाता है। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सन [[१९६३]] में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया था। इनके काव्य में 'रहस्यवाद' और 'छायावाद' की झलक है।
 
डॉ. रामकुमार वर्मा का जन्म [[मध्य प्रदेश]] के [[सागर जिला|सागर जिले]] में 15 सितम्बर सन् 1905 ई. में हुआ। इनके पिता लक्ष्मी प्रसाद वर्मा डिप्टी कलैक्टर थे। वर्माजी को प्रारम्भिक शिक्षा इनकी माता श्रीमती राजरानी देवी ने अपने घर पर ही दी, जो उस समय की हिन्दी कवयित्रियों में विशेष स्थान रखती थीं। बचपन में इन्हें "कुमार" के नाम से पुकारा जाता था। रामकुमार वर्मा में प्रारम्भ से ही प्रतिभा के स्पष्ट चिह्न दिखाई देते थे। ये सदैव अपनी कक्षा में प्रथम आया करते थे। पठन-पाठन की प्रतिभा के साथ ही साथ रामकुमार वर्मा शाला के अन्य कार्यों में भी काफ़ी सहयोग देते थे। अभिनेता बनने की रामकुमार वर्मा की बड़ी प्रबल इच्छा थी। अतएव इन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन में कई नाटकों में एक सफल अभिनेता का कार्य किया है। रामकुमार वर्मा सन् 1922 ई. में दसवीं कक्षा में पहुँचे। इसी समय प्रबल वेग से असहयोग की आँधी उठी और रामकुमार वर्मा राष्ट्र सेवा में हाथ बँटाने लगे तथा एक राष्ट्रीय कार्यकर्ता के रूप में जनता के सम्मुख आये। इसके बाद वर्माजी ने पुनः अध्ययन प्रारम्भ किया और सब परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करते हुए [[प्रयाग विश्वविद्यालय]] से हिन्दी विषय में एम. ए. में सर्वप्रथम आये। उन्होने [[नागपुर विश्वविद्यालय]] की ओर से 'हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास' पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। अनेक वर्षों तक रामकुमार वर्मा प्रयाग विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक तथा फिर अध्यक्ष रहे हैं।