"बरनावा": अवतरणों में अंतर

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|skyline=Barnava_(35).JPG
|skyline_caption=[[लाक्षागृह]] टीले से बरनावे का दृश्य
}}
'''बरनावा''' [[मेरठ]] से ३५ किलोमीटर दूर [[बागपत जिला]] में स्थित एक कस्बा है। यहां [[महाभारत]] कालीन '''[[लाक्षाग्रह]]''' चिन्हित है। लाक्षाग्रह नामक इमारत के अवशेष यहां आज एक टीले के रूप में दिखाई देते हैं। महाभारत में कौरव भाइयों ने पांडवों को इस महल में ठहराया था और फिर जलाकर मारने की योजना बनायी थी। किन्तु पांडवों के शुभचिंतकों ने उन्हें गुप्त रूप से सूचित कर दिया और वे निकल भागे। वे यहां से गुप्त सुरंग द्वारा निकले थे। ये सुरंग आज भी निकलती है, जो [[हिंडन नदी]] के किनारे पर खुलती है। इतिहास अनुसार [[पांडव]] इसी सुरंग के रास्ते जलते महल से सुरक्षित बाहर निकल गए थे।<ref name="मुसाफ़िर">[http://neerajjaatji.blogspot.com/2008/12/blog-post_7160.html मेरठ में है हस्तिनापुर]।मुसाफ़िर हूं यारों।१६ दिसंबर, २००८।नीरज जाट जी</ref> जनपद में बागपत व बरनावा तक पहुंचने वाली कृष्णा नदी का यहां हिंडन में मिलन होता है।<ref>[http://hindi.indiawaterportal.org/content/%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82-%E0%A4%AC%E0%A4%A8%E0%A5%80-%E0%A4%9C%E0%A4%B9%E0%A4%B0 नदियां बनी जहर]|इंडिया वॉटर पोर्टल</ref>