"बेगूसराय": अवतरणों में अंतर

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बेगूसराय हमारे राष्ट्रकवि [[रामधारी सिंह 'दिनकर'|रामधारी सिंह दिनकर]] की जन्मभूमि है।<ref>{{cite news|title=आज भी उपेक्षित है राष्ट्रकवि दिनकर की पैतृक गांव सिमरिया|url=http://www.livehindustan.com/news/begusarai/article1-National-poet-dinkar-native-village-simriya-ignored-today-in-begusarai-564460.html|publisher=हिंदुस्तान|access-date=17 अप्रैल 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20170418081538/http://www.livehindustan.com/news/begusarai/article1-National-poet-dinkar-native-village-simriya-ignored-today-in-begusarai-564460.html|archive-date=18 अप्रैल 2017|url-status=dead}}</ref> उन्हीं के नाम पर नगर का टाउन हॉल दिनकर कला भवन के नाम से जाना जाता है। यहां आकाश गंगा रंग चौपाल बरौनी ,द फैक्ट रंगमंडल. आशीर्वाद रंगमंडल जैसी कई प्रमुख नाट्यमंडलियां हैं जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की हैं। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से पास आउट गणेश गौरव और प्रवीण गुंजन लगातार कला और साहित्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। रंग कार्यशाला लगाकर रंगकर्म और कला साहित्य की नई पीढ़ी तैयार करने में लगे हैं । जिले के दिनकर भवन में लगातार नाटकों और कला से जुड़े विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाता रहा है। प्रतिवर्ष राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव रंग संगम, रंग माहौल, आशीर्वाद नाट्य महोत्सव आदि का आयोजन किया जाता है। जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति देते हैं। यहां की संस्कृति , साहित्य को बढ़ावा देने में लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार व प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय-महासचिव राजेन्द्र राजन, कवि अशांत भोला,जनकवि दीनानाथ सुमित्र,चर्चित कवि प्रफुल्ल मिश्र,गीतकार रामा मौसम, वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल पतंग, कार्टूनिस्ट सीताराम, युवा कवि व पत्रकार नवीन कुमार, युवा कवि डॉ अभिषेक कुमार. युवा कवयित्री सीमा संगसार ,समाँ प्रवीण, का नाम उल्लेखनीय है। सिमरिया धाम एक आदि कुंभ स्थली हैं जहां स्वामी चिदात्मन द्वारा आदि कुंभ स्थली सिमरिया धाम का पुनर्जागरण किया गया। आदि कुंभा स्थली की खोज संंत शिरोमणि करपात्री अग्निहोत् परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज नेे किया और 2017 में यहां महाकुंभ भी लगा था फिर 2023 में यहां अर्ध कुंभ लगेगा. यहां वेद पढ़ने वााले विद्यार्थियों और शिक्षकों के नाम आचार्य रामनरेश झा.आचार्य वरुण पाठक विद्यार्थी पद्मनाभ झा, राम झा, लक्ष्मण झा, श्याम झा अन्य हैं।
 
राष्ट्रीय फलक पर दैदीप्यमान, बेगूसराय की साहित्यिक पहचान "विप्लवी पुस्तकालय", जो बिहार सरकार द्वारा चयनित राज्य का विशिष्ट पुस्तकालय है। यहाँ हर साल 4-5 राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन होता ही है। विप्लवी पुस्तकालय, गोदरगावां, बेगूसराय ही देश में पहली बार अपने ग्रामीण माहौल में लेखक संघ का राष्ट्रीय अधिवेशन का सफल आयोजन किया जिसमें देश विदेश से 350 प्रबुद्ध लेखकों ने हिस्सा लिया। प्रसिद्ध नाटककार मरहूम हबीब तनवीर द्वारा "राजरक्त" नाटक का खुला मंचन किया गया 10हजार से ज्यादा दर्शकदीर्घा में रहे होंगे।
 
शहर से 7 किलोमीटर दूर गोदरगांवा ग्राम में सन 1931 से स्थित इस पुस्तकालय में तकरीबन ५० हजार पुस्तकें और पत्रिकाएं हैं जिसका लाभ नियमित रूप से अनेक पाठक उठाते हैं। पुस्तकालय के संरक्षक राजेन्द्र राजन जो क्षेत्र के पूर्व विधानसभा सदस्य होने के साथ साथ प्रगतिशील लेखक संघ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रहे हैं।