"अवनमित कुण्ड": अवतरणों में अंतर
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[[श्रेणी:प्रवाही जल (नदी) कृत स्थलाकृति]]
[[श्रेणी:प्रवाही जल (नदी) कृत अपरदनात्मक स्थलरुप]]
• नदी के उद्गम स्थल एवं मुहाने तक की यात्रा को तीन अवस्था में बाँटा गया है।
(i) युवा अवस्था / तरूणा अवस्था
(ii) प्रौढ़ा अवस्था
(iii) वृद्धा अवस्था
•युवा अवस्था
~इस अवस्था में नदी तीव्र पर्वतीय ढाल के सहारे नीचे उतरती रहती है, जिसके कारण उसका वेग बहुत ही अधिक रहता है। अतः इस अवस्था में नदी के द्वारा केवल अपरदन का कार्य किया जाता है।
इस अवस्था में कई स्थलाकृति का निर्माण होता है जैसे- (i) V-आकार की घाटी
(ii) गॉर्ज
(iii) कैनियन [I-आकार की घाटी]
(iv) जल प्रपात (झरना)/क्षिप्रिका
(v) अवनमन कुंड इत्यादि
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