"फोर स्ट्रोक इंजन": अवतरणों में अंतर

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[[Image:4-Stroke-Engine.gif|thumb|right||[[पेट्रोल]] इंजिन गाड़ियों में प्रयोग होने वाला फोर-स्ट्रोक इंजिन। दायीं ओर नीला चक्र इनटेक एवं बायीं ओर पीला वाला एग्ज़ॉस्ट है। सिलिंडर की दीवार पतली स्लीव की है, जिसे शीतलक जल घेरे रहता है।]]
वर्तमान युग में [[कार|कारों]], [[ट्रक|ट्रकों]], [[मोटरसाइकिल|मोटरसाइकिलों]] व [[वायुयान|वायुयानों]] आदि में प्रयोग होने वाले [[अन्तर्दहन इंजन]] प्रायः '''फोर स्ट्रोक इंजन''' होते हैं। फोर स्ट्रोक [[इंजन]] की [[क्षमता]] प्रदर्शित करता है। इससे गाड़ी की दहन, [[संपीड़न]] और [[उत्सर्जन]] के बारे में जानकारी मिलती है। इंजन की क्षमता से ये आकलन भी हो जाता है कि गाड़ी कितना भार सहन करने में सक्षम है। वर्तमान में गाड़ियों में सामान्यत: फोर स्ट्रोक इंजन का प्रयोग ज्यादा होता है।<ref name="हिन्दुस्तान">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-89781.html फोर स्ट्रोक इंजन]।हिन्दुस्तान लाइव।७ जनवरी, २०१०</ref> इससे पहले गाड़ियों में [[टू स्ट्रोक इंजन]] का प्रयोग हुआ करता था, लेकिन कम माइलेज और जीवन अवधि कम होने के कारण इसका स्थान फोर स्ट्रोक इंजन ने ले लिया। इस इंजन की खोज [[जर्मनी|जर्मन]] [[इंजीनियर]] [[निकोलस आटो]] ने [[१८७६]] में की थी।
 
फोर स्ट्रोक इंजन एक पूरी साइकिल यानी एक बार में चार चार प्रक्रियाओं से गुजरता है। जिन्हें अंग्रेज़ी में '''स्ट्रोक''' कहा जाता है।
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*चौथा और अंतिम चरण '''एग्जास्ट साइकिल''' का होता है। इनकेट की प्रक्रिया के दौरान यह वाल्व खुलता है और ईंधन दहन के दौरान धक्का मिलने पर यह वाल्व काम करने लगता है और चार स्ट्रोकों की यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
 
फोर स्ट्रोक इंजिन के कई लाभ होते हैं।<ref name="हिन्दुस्तान"/> यह इंजन की शक्ति क्षमता को बढ़ाता है। इससे गाड़ी की माइलेज में सुधार होता है। [[ऊर्जा]] का पूरा उपयोग होने से इंजन की आयु बढ़ती है और वह धुंआ कम फेंकता है। इस प्रकार इंजन की क्षमता के साथ-साथ ही उत्सर्जन भी अपेक्षकृत कम होता है।
 
==संदर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
 
==बाहरी सूत्र==
 
[[श्रेणी:इंजन]]
[[श्रेणी:उष्मागतिकी]]
[[श्रेणी:उर्जा]]
[[श्रेणी:यांत्रिक प्रौद्योगिकी]]