"बिनाका गीत माला": अवतरणों में अंतर

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ये मैं खुद अमीन सयानी जी के मुख से एक संगीत रिकार्ड में सुना हूँ।
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'''बिनाका गीतमाला''' भारतीय फिल्मी संगीत का सबसे पहला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम था रेडियो पर| [[१९५०|1950]] और [[१९६०|1960]] के दशक फिल्म, फिल्म संगीत और रेडियो के दशक थे| फिल्म और रेडियो के अलावा कोई और विशेष साधन नहीं था उन दिनों मनोरंजन का| लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर आधारित एक कार्यक्रम प्रसारित होता था उन दिनों रेडियो सीलोन से - बिनाका गीतमाला| फिल्मी गीतों से सम्बंधित सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम था ये उस समय का| हर बुधवार को रात 8 बजे से 9 बजे तक बिनाका गीतमाला सुनने के लिये लोग रेडियो से चिपक जाया करते थे| मेलोडियस धुनों और मधुर कंठस्वरों का संगम श्रोताओं को पूरे एक घंटे तक भाव विभोर बनाये रखता था।
 
== बिनाका गीतमाला का आरम्भ 3 दिसम्बर 1952 को हुआ था।। ==
बिनाका गीतमाला का पहला कार्यक्रम सन् 1952 के अंतिम सप्ताह में प्रसारित हुआ था। महल, नागिन, उड़न खटोला जैसे फिल्मों, जिनकी आत्माओं में केवल मधुर संगीत बसता था, का जमाना था वो| मधुर गीतों के साथ उद्घोषक [[अमीन सयानी]] के विशेष अंदाज ने मोह लिया श्रोताओं को और अपने पहले ही प्रसारण से बिनाका गीतमाला सर्वाधिक लोकप्रिय कार्यक्रम बन गया रेडियो का| सन् 1952-53 तक केवल 7 गाने प्रसारित किये जाते थे इस कार्यक्रम में और गीतों को लोकप्रियता का दर्जा भी नहीं दिया जाता था। सन् 1954 से बिनाका गीतमाला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम बन गया और गानों को रेटिंग दिया जाने लगा| उस सन् के पहले कार्यक्रम में [[तलत महमूद]] का गाया गीत ‘जायें तो जायें कहाँ…..’ शीर्ष गीत (topper) था।
 
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| गोरी हैं कलाइयां
| [[आज का अर्जुन (1990 फ़िल्म)|आज का अर्जुन]]
| [[बप्पी लाहिरी]]
| अंजान
| लता मंगेशकर, [[शब्बीर कुमार]]
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| १९९१
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| लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
| आनंद बख्शी
| अल्का याज्ञनिक, [[इला अरुण]]
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| १९९४