"बंगाल का विभाजन (1905)": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Bengal gazetteer 1907-9.jpg|right|thumb|300px|पूर्वी बंगाल और असम प्रांत के मानचित्र]]
'''बंगाल विभाजन''' के निर्णय की घोषणा '''20 जुलाई 1905''' को भारत के तत्कालीन वाइसराय [[कर्जन]] के द्वारा किया गया था। एक मुस्लिम बहुल प्रान्त का सृजन करने के उद्देश्य से ही [[भारत]] के [[बंगाल]] को दो भागों में बाँट दिये जाने का निर्णय लिया गया था। बंगाल-विभाजन '''16 अक्टूबर 1905''' से प्रभावी हुआ। इतिहास में इसे '''बंगभंग''' के नाम से भी जाना जाता है। यह अंग्रेजों की "फूट डालो - शासन करो" वाली नीति का ही एक अंग था। अत: इसके विरोध में 1905 ई. में सम्पूर्ण देश में `बंग-भंग' आन्दोलन शुरु हो गया।<ref>{{cite web|url= इसके विरोध में आंदोलन का प्रस्ताव 7 अगस्त 1905 को आया http://www.abhyuday.org/xprajna/html/himanshu.php|title= महामना : एक विलक्षण व्यक्तित्व|access-date= [[28 जुलाई]] [[2007]]|format= पीएचपी|publisher= अभ्यदय.ऑर्ग|language= |archive-url= https://web.archive.org/web/20070928000549/http://www.abhyuday.org/xprajna/html/himanshu.php|archive-date= 28 सितंबर 2007|url-status= dead}}</ref> इस विभाजन के कारण उत्पन्न उच्च स्तरीय राजनीतिक अशांति के कारण 1911 में दोनो तरफ की भारतीय जनता के दबाव की वजह से बंगाल के पूर्वी एवं पश्चिमी हिस्से पुनः एक हो गए।
बंगाल विभाजन के समय बंगाल में गवर्नर कौन था
== उत्पत्ति ==
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