"स्वचालित गणक मशीन": अवतरणों में अंतर

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ग्राहकों के लिए बैंकों से रुपयों की निकासी सरल बनाने हेतु एटीएम मशीनों को लागू किया गया था, लेकिन इन एटीएम मशीनों में भी कई समस्याएं आती रहती हैं। इनके कारण ग्राहकों को कई बार परेशानी उठानी पड़ जाती है। मशीन से कभी नकली नोट निकल आते हैं तो कभी बिना नोट निकले ही निकाले गए रुपयों की खाली रसीद बाहर दिखा देती है। इसका संभावित कुछ हद तक कारण बैंकों में चाइनीज कंप्यूटर तकनीक का प्रयोग माना जा रहा है। इसके अलावा हाल की कुछ घटनाओं से एटीएम मशीन को ही चोरी कर ले जाने की घटनाएं सुनाई दी हैं।<ref name="दुखड़े">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/tayaarinews/67-67-92348.html एटीएम से जुड़े हैं दुखड़े हजार]|</ref> इनके कारण चोरी या लूट का अलार्म न बजना या मशीन के तार काटे जाने पर स्विच यानी कंट्रोल रूम को खबर भी न लग पाना आदि हैं।
एटीएम मशीन मरम्मत के लिये खुली होने की स्थिति में स्विच के साथ अपना संपर्क तोड़ देती है। ऐसे समय बैंक अधिकारी या एटीएम वैंडर के सामने मशीन की आवश्यक मरम्मत की जाती है। परंतु एटीएम मशीनों की चेस्ट या तिजोरी खुली होने की दशा में भी ये मशीनें स्विच को झूठा संदेश देते हुए आनलाइन रहती हैं। यानी ऐसा संभव है कि मशीन चोर ले जाएं और स्विच को खबर भी न लगे।
 
कई बार किसी एटीएम मशीन से नकली नोट निकल पड़ते हैं और बैंक इनकी कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता। कई बार जब एटीएम मशीन खाते से रुपये तो निकाले दिखा देती है लेकिन नकदी मशीन से बाहर नहीं आती या कभी कम ही निकालती है। ऐसी शिकायतों के लिये ग्राहक बैंक में पूछताछ करते हैं तो बैंक अपने काल सेंटर का नंबर थमा देते हैं। टोल फ्री नंबर पर चलाए जा रहे इस काल सेंटर की लाइन मिलना ही पहले तो मुश्किल है और मिल भी जाए तो आधे घंटे की बातचीत के बावजूद ग्राहक को राहत नहीं मिल पाती। सामान्यत: काल सेंटर ग्राहकों को बिना मांगे शिकायत संख्या तक उपलब्ध नहीं कराते। ग्राहक शिकायत संख्या लेकर मानसिक तनाव ग्रस्त हो इससे कहीं बेहतर है कि बैंक में जाकर चैक से अपनी राशि निकाले और इन झंझटों से मुक्त रहे।
 
प्रायः एटीएम कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के आवेदन पर साफ लिखा होता है कि किसी किस्म के नुकसान के लिए बैंक की जवाबदेही नहीं होगी। हैकिंग और पासवर्ड चोरी में बैंककर्मियों की संलिप्तता के मामले भी अब खुलने लगे हैं। ग्राहक अपने खोए हुए एटीएम कार्ड को अपने बैंक में जाकर कैंसिल नहीं करवा सकते। बैंक दावा करता है कि आप किसी भी शाखा से एटीएम कार्ड जारी करवा सकते हैं, लेकिन यही कार्ड खो जाए तो पहले बैंक के काल सेंटर में इसकी शिकायत दर्ज करानी है। शिकायत नंबर लेकर बैंक को सूचित करना है। खोए हुए एटीएम कार्ड से नकदी निकालने के अलावा खरीददारी भी संभव है सो ग्राहक चाहता है कि तुरंत उसे खोए कार्ड से मुक्ति मिलनी चाहिए। एटीएम कार्ड का गलत इस्तेमाल हो तो ग्राहक को पुलिस या कोर्ट कचहरी के चक्कर भी कटवा सकत है।
यदि आपने किसी दूसरे बैंक का एटीएम कार्ड किसी दूसरे बैंक के एटीएम में इस्तेमाल किया है और राशि नहीं मिली है तो दोगुनी मानसिक परेशानी झेलनी पडी़। सकती है। एटीएम मशीन फेल होने की दशा में बैंक की एकांउटिंग प्रणाली भी फेल हो जाती है। एटीएम कोड के अनुसार राशि का भुगतान हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता। मशीन में उपलब्ध 100, 500 व 1000 के डिब्बों से दूसरी करेंसी की आपूर्ति न हो सके इसके लिए न तो कोई मकैनिकल न ही कोई साफ्टवेयर में व्यवस्था है। इस दृष्टि से ये मशीनें बैंकिंग के लिये सुरक्षित नहीं मानी जा सकती। गलत भुगतान की प्रविष्टियों को ठीक करने की व्यवस्था भी कारगर नहीं है।
 
कभी मशीन आवाज करती रहती है, पैसा बाहर नहीं निकलता और एटीएम हैंग हो जाता है। कभी यह राशि किसी दूसरे ग्राहक को अनायास ही मिल जाती है क्योंकि राशि बीच में अटकी रहती है और एटीएम अचानक काम करना शुरू कर देता है। कभी ग्राहक की यही राशि एटीएम में नकदी, कागज या रिबन फीड करने वाली कम्पनी के लोगों के हाथ भी लग जाती है।
 
एटीएम मशीनों के मेंटीनैंस के नाम पर एटीएम में नकदी भरना, दो बार दिन में एटीएम परिसर की सफाई, एयरकंडीशन का चालू रहना, एटीएम मशीन का जीरो डाउन होना, सुरक्षा की दृष्टि से दृश्य और अदृश्य कैमरों का चालू रहना, एटीएम से हर प्रचालन की पर्ची निकलना, दरवाजे का बंद रहना ताकि एक समय में एक ग्राहक एटीएम में रहे, रात में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था, सुरक्षा के लिये गार्ड आदि इनके वार्षिक मेटीनैंस के कुछ प्रमुख हिस्से हैं जिनका पालन नहीं होता।
 
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