"सवैया": अवतरणों में अंतर

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==उदाहरण==
:चाँद चwmkwkqkqlqmmलेचले नहिंnakaklनहिं रात कटे, यह सेज जले जइसे अगियारीmwmqmqmअगियारी
:नागिनwmmqनागिन सी नथनी डसती, अरु माथ चुभे ललकी बिंदिया री।
:कान का कुण्डल जोंक बना, बिछुआ सा डसै उँगरी बिछुआ रीqkksjdjsnरी
:मोतिन माल है फाँस बना, अब हाथ का बंध बना कँगना री ॥
 
:काजर आँख का आँस बना, अरु जाकर भाग के माथ लगा री annsjzosm
:हाथ nandnkftकीकी फीकी पड़ी मेंहदी, अब पाँव महावर छूट गया री। Snsmm
:काहे वियोnsndkkemwmगवियोग मिला अइसा, मछरी जइसे तड़पे हैmहै जिया री
:आए पिया नहि बीते कई दिन, जोहत बाट खड़ी दुखियारी ॥
 
--प्रताप nsmsmsllaनारायajmamaणनारायण सिंह
 
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[[रसखान]] के सवैये बहुत प्रसिahjqjqmद्ध हैं। कुछ उदाहरण-
 
[[रसखान]] के सवैये बहुत प्रसिahjqjqmद्धप्रसिद्ध हैं। कुछ उदाहरण-
:मानुस हौंnananhsjsn तो वही रसखान, बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन।
 
:मानुस हौंnananhsjsnहौं तो वही रसखान, बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन।
:जो पसु हौं तो कहा बस मेरो, चरौं नित नंद की धेनु मँझारन॥
:पाहन हौं तो वही गिरि को, जो धर्यो कर छत्र पुरंदर कारन।
:जो खग wnnsnmsहौंहौं तो बसेरो करौं मिलि कालिंदीकूलbsnsjsjकालिंदीकूल कदम्ब की डारन॥
 
:सेस गनेस महेस दिनेस, सुरेसहु जाहि निरंतर गावैं।
:जाहि अनादि अनंत अखण्ड, अछेद अभेद सुभेद बतावैं॥
:नारद से सुक व्यास रहे, पचिहारे तौंwhhwjwतौं पुनि पार न पावैं।
:ताहि अहीर की छोहरियाँ, छछिया भरि छाnajwnछछाछ पै नाच नचावैं॥
 
:कानन दै अँगुरी रहिहौं, जबही मुरली धुनि मंद बजैहैं।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/सवैया" से प्राप्त