"नेति नेति": अवतरणों में अंतर

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{{distinguish|text =हठयोग की क्रिया [[नेति]]}}
'''नेति नेति''' (''= न इति न इति'') एक [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] [[वाक्य और वाक्य के भेद|वाक्य]] है जिसका अर्थ है 'यह नहीं, यह नहीं' या 'यही नहीं, वही नहीं' या 'अन्त नहीं है, अन्त नहीं है'। ब्रह्म या ईश्वर के संबंध में यह वाक्य उपनिषदों में अनंतता सूचित करने के लिए आया है। [[उपनिषद्]] के इस [[महावाक्य]] के अनुसार [[ब्रह्म]] शब्दों के परे है।
 
यह वाक्य उपनिषदों एवं [[अवधूत गीता]] में इस तरह आया है-