"न्यूरॉन": अवतरणों में अंतर
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▲न्यूरॉन को उसकी संरचना के आधार पर भी विभाजित किया जाता है। यह एकध्रुवी, द्विध्रुवी और बहुध्रुवी (क्रमशः यूनीपोलर, बाईपोलर और मल्टीपोलर) होते हैं। न्यूरॉन में कोशिकीय विभाजन नहीं होता है जिससे इसके नष्ट होने पर दुबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता। किन्तु इसे स्टेम सेल के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। ऐसा भी देखा गया है कि एस्ट्रोसाइट को न्यूरॉन में बदला जा सकता है।
न्यूरॉन शब्द का पहली बार प्रयोग [[जर्मन]] [[शरीर संरचना विज्ञान |शरीर विज्ञानशास्त्री]] [[हेनरिक विलहेल्म वॉल्डेयर]] ने किया था। [[२०वीं शताब्दी]] में पहली बार न्यूरॉन प्रकाश में आई जब सेंटिगयो रेमन केजल ने बताया कि यह तंत्रिका तंत्र की प्राथमिक प्रकार्य इकाई होती है। केजल ने प्रस्ताव दिया था कि न्यूरॉन अलग कोशिकाएं होती हैं जो कि विशिष्ट जंक्शन के द्वारा एक दूसरे से संचार करती है। न्यूरॉन की संरचना का अध्ययन करने के लिए केजल ने कैमिलो गोल्गी द्वारा बनाए गए सिल्वर स्टेनिंग तरीके का प्रयोग किया। मस्तिष्क में न्यूरॉन की संख्या प्रजातियों के आधार पर अलग होती है। एक आकलन के मुताबिक मानव मस्तिष्क में १०० अरब न्यूरॉन होते हैं।
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