"त्रिशूल": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Trishula.svg|thumb|200px|त्रिशूल]]
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'''त्रिशूल''' ([[IAST]]: Triśūla, Trishool ) एक परम्परागत भारतीय हथियार है। यह एक हिन्दू चिन्ह की तरह भी प्रयुक्त होता है। यह एक तीन चोंच वाला धात्विक सिर का भाला या हथियार होता है, जो कि लकड़ी या बाँस के डण्डे पर भी लगा हो सकता है। यह [[हिन्दू धर्म|हिन्दु]] [[भगवान]] [[शिव]] के हाथ में शोभा पाता है। यह शिव का सबसे प्रिय अस्त्र हैं शिव का त्रिशूल पवित्रता एवम् शुभकर्म का प्रतीक है । प्रायः सभी शिवालय (शिव का मन्दिर) में त्रिशूल अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाता है जिसमें सोने चाँदी ओर लोहे की धातु से बने त्रिशूल ज्यादातर शिवालय में दिखाई देते हैं । बिना त्रिशूल के शिवालय अधूरा है। शिवरात्रि मे मन्नत पूरी होने पर [[भगवान]] [[शिव]] को त्रिशूल अर्पित किया जाता है। शारदीय नवरात्रि के समय घरों में भी घट स्थापना और जबारे लगाई जाती है जिसमे त्रिशूल के बाने (देवी दुर्गा का प्रतीक) से पूजा सम्पन्न होती हैं। शारदीय [[नवरात्रि]] के समय देवी दुर्गा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित करते समय इस अस्त्र की विशेष पूजा की जाती है। [[चैत्र]॰ और शारदीय नवरात्रि के समय नौ दिनों तक इसकी आराधना कर नवरात्रि की पूजा सम्पन्न की जाती है। माँ दुर्गा, माँ काली और काल भगवान शिव के अवतार [[भैरव|भैरवनाथ]] का अस्त्र भी त्रिशूल को बताया गया है। इसी त्रिशूल से [[भगवान]] [[शिव]] ने उनके पुत्र [[गणेश]] का सिर अलग किया था।
 
'''त्रिशूल किसको दर्शाता है ?'''