[[चित्र:Konark Surya Temple.jpg|right|thumb|300px|कोणार्क का प्रसिद्ध [[कोणार्क सूर्य मंदिर|सूर्य मंदिर]]]]
'''कोणार्क''' [[उड़ीसा]] प्रदेश के [[पुरी जिला|पुरी जिले]] में [[जगन्नाथपुरीपुरी]] के [[जगन्नाथ]] मन्दिर से 21 मील उत्तर-पूर्व समुद्रतट पर [[चंद्रभागा नदी]] के किनारे स्थित है। यहाँ का '''सूर्य मन्दिर''' बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर की कल्पना [[सूर्य]] के रथ के रूप में की गई है। रथ में बारह जोड़े विशाल पहिए लगे हैं और इसे सात शक्तिशाली घोड़े तेजी से खींच रहे हैं। जितनी सुंदर कल्पना है, रचना भी उतनी ही भव्य है। मंदिर अपनी विशालता, निर्माणसौष्ठव तथा वास्तु और मूर्तिकला के समन्वय के लिये अद्वितीय है और उड़ीसा की वास्तु और मूर्तिकलाओं की चरम सीमा प्रदर्शित करता है। एक शब्द में यह भारतीय स्थापत्य की महत्तम विभूतियों में है।