"अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद": अवतरणों में अंतर

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'''अभयचरणारविन्द भक्तिवेदान्त स्वामीप्रभुपाद''' ([[1 सितंबर]], [[1896]] – [[14 नवंबर]], [[1977]]), इण्टरनेशनल सोसायटी फ़ार कृष्णा कान्शियस्नेस यानी [[इस्कॉन]] (ISKCON), (कृष्ण चेतना हेतु अन्तर्राष्ट्रीय समाज) के संस्थापक थे। यह [[हिन्दू|हिन्दुओं]] के गौड़ीय वैष्णव धर्म का प्रसार करने हेतु बनी संस्था थी. यह न केवल भारत, वरन पूरे विश्व में फ़ैली है।
 
==[JIVANI] जिवनी==
[[कोलकाता]] के एक साधारण परिवार में सन् 1896 में जन्मे अभयचरण (प्रभुपाद) ने वर्षों तक [[वृंदावन]] के राधादामोदर मंदिर में रहकर भजन साधना की व धर्मशास्त्रों का अध्ययन किया। इनकी अनोखी प्रतिभा को देखकर इनके आध्यात्मिक गुरु श्रीभक्ति सिद्धांत सरस्वती ने इन्हें प्रेरणा दी कि तुम [[चैतन्य महाप्रभु]] की कृष्णभावनामृत को विश्व में प्रचारित करने की इच्छा को पूरी करने में सक्षम हो।