"गैलापागोस द्वीपसमूह": अवतरणों में अंतर

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हालांकि गैलापागोस द्वीपो की स्थानीय वनस्पतिक और जीव प्रजातियों के संरक्षण के लिए पहले सुरक्षा अधिनियम [[1934]] में और इसका अनुपूरक [[1936]] में लाया गया, लेकिन इन कानूनों पर वास्तविक अमल [[1950]] के उत्तरार्ध में ही हो पाया। 1955 में, प्रकृति संरक्षण के अंतर्राष्ट्रीय संध ने एक तथ्यांवेषण मिशन को गैलापागोस भेजा, इसके दो साल बाद, [[1957]] में, [[यूनेस्को]] ने ईक्वाडोर सरकार के सहयोग से एक और अभियान को गैलापागोस में संरक्षण की स्थिति का अध्ययन और अनुसंधान केन्द्र के लिए एक स्थान का चयन करने के लिए भेजा।
 
[[1959]] में, ईक्वेडोर सरकार ने द्वीपसमूह भूमि क्षेत्र का 97.5% हिस्सा [[राष्ट्रीय उद्यान]] घोषित कर दिया सिर्फ वही हिस्से छोड़ दिये गये जहाँ पहले से ही बस्तियाँ बसाई जा चुकी थीं। उसी वर्ष [[चार्ल्स डार्विन फाउंडेशन]] (CDF) की स्थापना भी की गयी। [[बेल्जियम]] में गठित, चार्ल्स डार्विन फाउंडेशन एक अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन था, जिसकी मुख्य जिम्मेदारी गैलापागोस के प्रभावी प्रबंधन के लिए, अनुसंधान कार्य कर, उसके शोध निष्कर्षों को ईक्वाडोर सरकार को सौंपना था। चार्ल्स डार्विन फाउंडेशन के अनुसंधान प्रयासों का काम [[1964]] में [[चार्ल्स डारविनडार्विन अनुसंधान केन्द्र]] के सांताक्रूज द्वीप पर स्थापना के साथ शुरू हुआ। संरक्षण कार्यक्रम के प्रारंभिक वर्षों के दौरान संरक्षण कार्य जैसे, देशी प्रजातियों का संरक्षण और बाहर से लाई गयी प्रजातियों के उन्मूलन का काम किया गया। चार्ल्स डार्विन फाउंडेशन के शोध निष्कर्षों और संरक्षण के विभिन्न विधियों के विकास की बदौलत गैलापागोस राष्ट्रीय उद्यान सेवा के अधिकतर उद्देश्य अब पूरे हो चुके हैं।
 
[[1986]] में आसपास के लगभग 70,000 वर्ग किलोमीटर (43,496 वर्ग मील) समुद्री क्षेत्र को [[आरक्षित समुद्री क्षेत्र]] घोषित कर गया है, जो आकार मे [[ऑस्ट्रेलिया]] की [[ग्रेट बैरियर रीफ]] के बाद आकार मे दूसरे स्थान पर है। [[1990]] में द्वीपसमूह एक [[व्हेल अभयारण्य]] बन गया। [[1978]] में यूनेस्को ने इन द्वीपों को [[विश्व धरोहर स्थल]] के रूप में मान्यता दी, और [[1985]] में एक [[आरक्षित जैवमंडल]] के रूप में, जिसका दिसंबर [[2001]] में विस्तार कर इसमें आरक्षित समुद्री क्षेत्र को भी शामिल कर लिया गया।