"विटामिन डी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
आशीष भटनागर (वार्ता | योगदान) No edit summary |
आशीष भटनागर (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 3:
'''[[विटामिन]] डी''' वसा-घुलनशील प्रो-[[हार्मोन]] का एक समूह होता है। इसके दो प्रमुख रूप हैं:[[विटामिन]] डी<sub>२</sub> (या [[अर्गोकेलसीफेरोल ]]) एवं विटामिन डी<sub>३</sub> (या [[कोलेकेलसीफेरोल ]]).<ref name = FactD>{{cite web|url=http://dietary-supplements.info.nih.gov/factsheets/vitamind.asp|title=डाईटरी सप्लीमेंट फ़ैक्ट शीट: विटामिन डी|publisher=नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ|accessdate=१० सितंबर २००७| archiveurl=http://www.webcitation.org/5Rl5u0LB5 |archivedate=2007-09-10}}</ref> सूर्य के प्रकाश, खाद्य एवं अन्य पूरकों से प्राप्त विटामिन डी निष्क्रीय होता है। इसे शरीर में सक्रिय होने के लिये कम से कम दो हाईड्रॉक्सिलेशन अभिक्रियाएं वांछित होती हैं। शरीर में मिलने वाला [[कैल्सीट्राईऑल]] (१,२५-डाईहाईड्रॉक्सीकॉलेकैल्सिफेरॉल) विटामिन डी का सक्रिय रूप होता है। त्वचा जब धूप के संपर्क में आती है तो शरीर में विटामिन डी निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होती है। यह मछलियों में भी पाया जाता है। विटामिन डी की मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए अत्यावश्यक होता है। इसके अभाव में हड्डी कमजोर होती हैं व टूट भी सकती हैं। छोटे बच्चों में यह स्थिति [[रिकेट्स]] कहलाती है, और व्यस्कों में हड्डी के मुलायम होने को [[ओस्टीयोमलेशिया]] कहते हैं। इसके अलावा, हड्डी के पतला और कमजोर होने को [[ओस्टीयोपोरोसिस]] कहते हैं।<ref name="निरोग">[http://nirog.info/index.php?n=Nutrition.Vitamin-D विटामिन डी ]।नीरोग.इन्फ़ो</ref> इसके अलावा विटामिन डी [[कैंसर]], [[क्षय रोग]] जैसे रोगों से भी बचाव करता है।<ref>[http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/4560726.cms विटामिन डी से दिमाग होता है दुरुस्त ]।इकनॉमिक टाइम्स।२१ मई, २००९</ref>
डेनमार्क के शोधकर्ताओं
इससे शरीर के विभिन्न अंगों में, जैसे कि गुर्दे में, दिल में, खून के नसों में और अन्य जगह में, एक प्रकार का पथरी हो सकता है| यह केलसियम (calcium) का बना होता है। इससे बल्ड प्रेशर या रक्तचाप बढ सकता है, खून में कोलेसटेरोल अधिक हो सकता है, और दिल पर असर पर सकता है। साथ ही चक्कर आना, कमजोरी लगना और सिरदर्द हो सकता है। पेट खराब होने से दस्त भी हो सकता है।अंडे का पीला भाग (egg yolk), मछली के तेल, विटामिन डी युक्त दूध और बटर में, और धूप सेकने से।<ref name="निरोग"/>▼
▲
▲डेनमार्क के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में दावा किया है कि विटामिन डी शरीर की टी कोशिकाओं की क्रियाविधि को बढ़ाता है, जो किसी भी बाहरी संक्रमण से शरीर को बचाती हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार विटामिन डी मानव प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने में अहम है और इसकी पर्याप्त मात्रा के बिना प्रतिरक्षा तंत्र की टी कोशिकाएं बाहरी संक्रमण पर प्रतिक्रिया देने में असमर्थ रहती हैं।<ref>[http://www.livehindustan.com/news/lifestyle/lifestylenews/50-50-99774.html बार-बार बीमार होने से बचाता है विटामिन डी]</ref>शोधकर्ताओं ने बताया कि टी कोशिकाएं सक्रिय होने के लिए विटामिन डी पर निर्भर रहती हैं। द डेली टेलीग्राफ ने कोपनहेगन विश्वविद्यालय के मुख्य शोधकर्ता प्रो कार्स्टन गेस्लर के हवाले से कहा जब भी किसी टी कोशिका का किसी बाहरी संक्रमण से सामना होता है, यह विटामिन डी की तलाश के लिए एक सिगनल भेजती है। उन्होंने बताया इसका मतलब है कि टी कोशिकाओं को सक्रिय होने के लिए भी विटामिन डी की जरूरत है। अगर इन कोशिकाओं को खून में पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिलता, तो वह चलना भी शुरू नहीं करतीं हैं।
==स्रोत==
{{विटामिन स्रोत}}
|