"विटामिन डी": अवतरणों में अंतर

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'''अधिकता''': विटामिन डी की अधिकता से शरीर के विभिन्न अंगों, जैसे [[गुर्दा|गुर्दों]] में, [[हृदय]] में, रक्त रक्त वाहिकाओं में और अन्य स्थानों पर, एक प्रकार की पथरी उत्पन्न हो सकती है। ये विटामिन [[कैल्शियम]] का बना होता है, अतः इसके द्वारा पथरी भी बन सकती है। इससे [[रक्तचाप]] बढ सकता है, रक्त में [[कोलेस्टेरॉल]] बढ़ सकता है, और हृदय पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही चक्कर आना, कमजोरी लगना और [[सिरदर्द]], आदि भी हो सकता है। पेट खराब होने से दस्त भी हो सकता है।<ref name="निरोग"/>
==स्रोत==
[[Image:Cornflakes with milk pouring in.jpg|thumb|दूध और अनाज प्रायः विटामिन डी के भरपूर स्रोत होते हैं।]]
[[Image:Salade de jambon cru et saumon fume.jpg|thumb|वसा-पूर्ण मछली, जैसे साल्मन विटामिन डी के प्राकृतिक स्रोतों में से एक हैं।]]
इसके मुख्य स्रोतों में [[अंडा|अंडे]] का पीला भाग, मछली के तेल, विटामिन डी युक्त [[दूध]] और [[मक्खन]] होते हैं। इनके अलावा मुख्य स्रोत [[धूप]] सेंकना होता है।
{{विटामिन स्रोत}}