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[[चित्र:geabios3d.jpg|framed|right|300px|डिजिटल एलिवेशन प्रतिरूप, मानचित्र, और वेक्टर डाटा]]
'''भूगोलीय सूचना प्रणाली''' ([[अंग्रेज़ी]]:''जियोग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम'' जीआईएस) उपलब्ध [[हार्डवेयर]], [[सॉफ्टवेयर]] को एकीकृत
[[१९६२]] में [[कनाडा]] के [[ओंटेरियो]] में पहला जीआईएस बनाया गया। यह कनाडा के फीडरल डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेस्ट्री और रूरल डेवलपमेंट द्वारा बनाया गया था। इसका निर्माण डॉ. रोजर टॉमलिसन ने किया था। इस सिस्टम को कनाडा ज्योग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम कहा जाता है और इसका प्रयोग कनाडा लैंड इंवेटरी द्वारा डाटा एकत्र और विश्लेषण हेतु किया जाता था। इससे कनाडा के ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन, कृषि, पानी, वाइल्डलाइफ आदि के बारे में जानकारी एकत्र की जाती थी। भारत में भी [[जनसंख्या स्थिरता कोष]] इस कार्य को कर रहा है। मानचित्रों और जनसंख्या आंकड़ों के अद्वितीय एकीकरण के जरिए समस्त भारत में ४८५ जिलों के मानचित्र तैयार कर चुका है जो प्रत्येक जिले, इसके उप-प्रभागों और प्रत्येक गांव की जनसंख्या तथा स्वास्थ्य सुविधाओं से दूरी की स्थिति दर्शाते हैं। प्रत्येक गांव तक पहुंचाई गई सुविधाओं की विषमता को भी मानचित्रों में दर्शाया गया है वे सुविधाएं वहाँ उपलब्ध कराई जाएं जहाँ उनकी अत्यधिक आवश्यकता है।<ref>[http://www.jsk.gov.in/hindi/whatjskwilldo.asp जनसंख्या स्थिरता कोष के कार्य क्या होंगे?]</ref>[[भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान]] सुदूर संवेदन, जी.आई.एस., अनुकरण मॉडल्स तथा संबंधित डेटाबेस आंकड़ों का उपयोग करते हुए गंगा-यमुना क्षेत्रों में फसलों की उत्पादकता का निर्धार करता है।<ref>[http://www.iari.res.in/krishisewa/Center5/Center5.htm भारतीय कृषि अनुसंधान संस्था- कृषि भौतिकी संभाग]</ref>
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