"तीसरी कसम": अवतरणों में अंतर

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''''तीसरी क़सम'''' १९६६ में बनी [[हिन्दी भाषा][[उर्दू]]: تیسری قسم] की फिल्म है । यह हिन्दी के महान कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी 'मारे गए ग़ुलफ़ाम' पर आधारित है । इस फिल्म के मुख्य कलाकारों में [[राज कपूर]] और [[वहीदा रहमान]] शामिल हैं. [[बासु भट्टाचार्य]] द्वारा निर्देशित तीसरी कसम एक फिल्म गैर-परंपरागत है जो भारत की देहाती दुनिया और वहां के लोगों की सादगी को दिखाती है. यह पूरी फिल्म [[बिहार]] के [[अररिया]] जिले में फिल्मांकित की गई.
इस फिल्म का फिल्मांकन [[सुब्रत मित्र]] ने किया है. पटकथा [[नबेंदु घोष]] की है, जबकि संवाद लिखे हैं स्वयं [[फणींद्र नाथ रेणु]] ने. फिल्म के गीत लिखे हैं [[शैलेंद्र]] और [[हसरत जयपुरी]] ने, जबकि फिल्म संगीत दिया है, [[शंकर-जयकिशन]] की जोड़ी ने.
यह फ़िल्म उस समय व्यावसायिक रूप से सफ़ल नहीं रही थी, पर इसे आज भी अदाकारों के श्रेष्ठतम अभिनय तथा प्रवीण निर्देशन के लिए जाना जाता है । इस फ़िल्म के बॉक्स ऑफ़िस पर पिटने के कारण निर्माता गीतकार शैलेन्द्र का निधन हो गया था ।